अफताब आलम/ बलरामपुर/ बलरामपुर विकासखंड के जमुआ टांड़ नदी पारा आंगनबाड़ी केंद्र में जिस अंगबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को गांव के नौनिहाल बच्चों को आंगनबाड़ी तक लाने का जिम्मा एवं पौष्टिक आहार खिलाने का जिम्मा सौंपा गया है,उनकी निष्क्रियता के वजह से गांव के बच्चों को न ही आंगनबाड़ी केंद्रों तक लाया जा रहा है ना ही उनको पोस्टिक आहार खिलाया जा रहा है, वही गांव की गर्भवती माताएं, धात्री माताएं जिनको कि शासन की योजना का लाभ आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पहुंचाना है उन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के निष्क्रियता से गाँव की महिलाओं को भी योजना का लाभ नही मिली पा रहा है | हमारे रिपोर्टर आफताब आलम ने जमुआ तांड नदी पारा आंगनबाड़ी केंद्र पहुँचकर गांव के नौनिहाल बच्चों के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि बच्चे आए ही नहीं है, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि सहायिका आंगन बाड़ी खोलने जाने को बोली और ओ आई ही नही है | इस कदर हिला हवाली कर केंद्र का संचालन लापरवाह कार्यकर्ता के द्वरा करते हुए शासन की तमाम योजना भृष्टाचार की भेंट चढ़ाया जा रहा है, जिसकी सुध लेने की फुरसर ब्लाक परियोजना अधिकार के मातहत कर्मचारियों को भी नही है | अब देखने वाली बात यह है कि क्या खबर प्रकाशन के बाद ब्लॉक परियोजना अधिकारी भी लापरवाह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका पर कोई ठोस कार्यवाही करते भी हैं या नही |
आंगन बॉडी कार्यकर्ता के निष्क्रियता से गाँव के नव निहाल बच्चो को नही मिल पा रहा है शासन की योजना का लाभ
