रमेश वर्ल्यानी जी के निधन से आया रिक्त स्थान भरना असंभव:छतीसगढ़ सिंधी पंचायत
रायपुर। 1977 में विधायक रहे रमेश वर्ल्यानी जी के आक्समिक निधन से राजनीति सहित सभी वर्गों में शोक की लहर छा गयी है।पूज्य छतीसगढ़ सिंधी पंचायत ने एक बयान जारी कर कहा है कि प्रदेश ने एक योद्धा खो दिया है।
श्री रमेश वर्ल्यानी पिछले 5 दशकों से राजनीति व अलग अलग माध्यमों से राष्ट्र की सेवा में लगे रहे।1970 के दशक में में हुए कई आंदोलन में शामिल होकर गरीबो के लिए लड़ने वाले नेता की रूप में जाने जाने लगे थे वह 1977 में ही वह विधायक बन गए थे।समय समय पर वह राजनीतिक व सामाजिक अनेक दायित्वों में रहकर राष्ट्र की सेवा करते है।
वह कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता के साथ साथ कई वर्षों से वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर भी रहे साथ ही प्रदेश की जनता उन्हें एक बड़े आर्थिक जानकर के रूप में जानती रही।
देश मे यूपीए के शासन में वह मानव संसाधन मंत्रालय में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।
पूज्य सिंधी पंचायत ने कहा कि उनका जाना राजनीति व समाज व प्रदेश के।लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है जिस्मी भरपाई शायद कभी नही हो सकती।
संस्था के तरफ से रमेश वर्ल्यानी जी के निधन पर अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, युवा विंग अध्यक्ष सीए अमित चिमनानी,महिला विंग अध्य्क्ष भावना कुकरेजा ,महासचिव इंद्र डोडवानी, वासु जोतवानी, जितेंद्र बड़वानी ,दिनेश अठवानी ,किशोर आहूजा ,महेश आहूजा ,लख्मीचंद गुलवानी सहित सभी ने गहरा शोक व्यक्त किया है व उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।