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छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग का शासन को पत्र, बर्खास्त कर्मचारियों से होगी रिकवरी, फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों पर दर्ज कराएं FIR

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पेंड्रा : छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारक अफसरों और कर्मचारियों की बर्खास्तगी के बाद भी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने इन सभी से वसूली करने और FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एक पत्र आयोग ने शासन को लिखा है। आयोग की सदस्य अर्चना पोर्ते ने बताया कि फर्जी जाति वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। इनमें डिप्टी कलेक्टर और DSP रैंक तक के अफसर शामिल हैं।

एक दिवसीय दौरे पर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले के दौरे पर पहुंची आयोग की सदस्य अर्चना पोर्ते ने बताया कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारकों को बर्खास्त कर दिया गया है। अब आयोग के सचिव ने ऐसे फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारित घोषित व्यक्तियों पर समुचित कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि सभी विभागों और कलेक्टर को इसके लिए निर्देशित किया जाए।

आयोग की सदस्य अर्चना पोर्ते ने यह भी कहा कि राज्य में कई जनप्रतिनिधियों के भी जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। उनके खिलाफ भी वसूली और FIR की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि उन्होंने ऐसे जनप्रतिनिधियों के नाम नहीं बताए हैं। बताया जा रहा है कि अभी कई नाम हैं, जिन को लेकर हाई पावर कमेटी के पास मामले लंबित हैं। अभी तक 18 नाम इस लिस्ट में आए हैं, लेकिन उनके बारे में बताया नहीं गया है।

अभी तक सिर्फ एक सेवा समाप्त, 13 मामले नियोक्ता, बाकी हाईकोर्ट में लंबित
उच्च स्तरीय छानबीन समिति को 2000 से लेकर 2020 तक 758 मामले फर्जी जाति प्रमाणपत्र के मिले थे। इसमें 659 प्रकरणों की जांच के बाद उसका निराकरण किया गया। 267 मामलों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए है, जिसे संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए भेजा गया है। इनमें से सिर्फ एक कर्मचारी की ही सेवा समाप्त की गई है। बाकी 13 मामले अभी विभागीय स्तर पर अटके हैं, जबकि शेष मामले हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं और उन पर स्टे लगा है।

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