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लगातार बढ़ती महंगाई ने त्योहार के पहले आमजनों की तोड़ी कमर, दोगुने दाम में बिक रहे खाद्य तेल, राहर दाल रुपए पार

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भाटापारा। त्योहार के पहले ही महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों के घरों का बजट बिगाड़ दिया है। गिरावट के बाद भी साल भर पहले के मुकाबले खाद्य तेल आज भी दोगुने दाम पर बिक रहे हैं और 5 किलो का ब्रांडेड आटा पैकेट 200 रुपए पैकेट पर बिक रहा है। वहीं, बेसन की बढ़ी कीमतों ने नमकीन का स्वाद बिगाड़ कर रख दिया है। अच्छी किस्म की राहर दाल 100 रुपए से नीचे नहीं आ पा रही है। महंगाई अपने चरम सीमा की ओर बढ़ रही है। आम आदमी और मध्यमवर्गीय बढ़ती महंगाई से बेहद परेशान हैं। वर्तमान में लोगों की आय घटती जा रही है और महंगाई बढ़ती जा रही है। महंगाई की ओर किसी का नियंत्रण नहीं रह गया है।
खाद्य तेलों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई थी। अलग-अलग ब्रांड के हिसाब से 170 से 175 रुपए लीटर खाद्य तेल पहुंच गए थे। धीरे-धीरे इनके दामों में कमी तो आई लेकिन साल भर पहले के मुकाबले अभी भी खाद्य तेल दोगुने दामों में बिक रहे हैं। वहीं, बेसन के दाम में वृद्धि ने नमकीन का स्वाद बिगाड़ कर रख दिया है। नमकीन के दाम प्रति किलो 40 से 80 रुपए तक बढ़ गए हैं। 200 रुपए प्रति किलो में उपलब्ध होने वाला नमकीन अब 240 रुपए से 280 रुपए प्रति किलो में मिल रहा है। विक्रेता बताते हैं कि सा भर पहले चना बेसन 60 से 65 रुपए प्रति किलो था, जो वर्तमान में 80 से 82 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। चना दाल 50 से 55 रुपए प्रति किलो से बढक़र 70 से 75 रुपए के करीब हो चुकी है। आटे का भाव 5 किलो में प्रति पैकेट 20 से 40 रुपए तक महंगा हो चुका है। जिस प्रकार महंगाई बढ़ रही है उससे लोगों में काफी आक्रोश है। यह तो खाने-पीने की चीजों का हाल है, जबकि अन्य सभी व्यवसाय में महंगाई ने अपने पैर पसार के रखे हुए हैं। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि महंगाई की मार का असर त्योहार पर भी अवश्य दिखाई देगा। सामान्य समय में व्यापार-व्यवसाय में काफी गिरावट दर्ज की गई है।

बाजार में रौनक नहीं
दीपावली का त्योहार सर पर है, परंतु बाजार में ग्राहकी बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रही है। बाजार में अभी रौनक नहीं आई है। इसको लेकर व्यापार जगत से जुड़े व्यवसायियों में संशय की स्थिति बनी हुई है। महंगाई का आलम यह है कि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जो महंगाई की मार से अछूता हो। चाहे कपड़े का व्यापार हो, बिजली के सामानों का व्यापार हो, रंग पेंट से संबंधित व्यापार हो या फिर इलेक्ट्रॉनिक सामानों से संबंधित व्यापार हो, सभी प्रकार के व्यापार में प्रभाव पड़ा है और सभी में महंगाई की मार भी पड़ी है।

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