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कसडोल नगर में महानवमी को पूरे विधि विधान से किया गया जंवारा विसर्जन

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पुरुषोत्तम कैवर्त/कसडोल। 7 अक्तूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हुए थे। कसडोल वासी नौ दिन शक्ति की भक्ति में डूबे रहे। वहीं नगर के प्रतिष्ठित व्यक्ति गणेश साहू के घर जवारे बोए गए। श्रद्धाभाव से इनका पूजन हुआ। वहीं नवमीं की पूजा के बाद जवारों की यात्रा निकाली। तीखी धूप और गाइडलाइन की पाबंदियों के आगे आस्था हावी रही। जवारों की यात्रा के दौरान भक्त सिर्फ मां की भक्ति में लीन नजर आए। जगह-जगह जवारों का पूजन किया गया। लोगों ने फूलों की बारिश कीया गया आरती उतारी। एक पहर से पहले जवारे मां के दरबार पहुंचे, इसके बाद यह सिलसिला काफी समय तक बरकरार रहा। इस दौरान महिलाओं-पुरुषों ने भजन एवं जसगीत गाए। जिस पर सभी थिरके उठे।


ऐसे भी ज्योतिषाचार्यों के अनुसार छत्तीसगढ़ में जवारों का खास महत्व हैं। जिसकी नौ दिनों तक पूजा की जाती है। जवारे रखने वाले नौ दिनों तक इनकी देख-रेख करते हैं (माँ की उपासना में लीन रहकर)। कहा जाता है कि जवारों में सुबह-शाम एक ही धार में जल अर्पित किया जाता है। जो उपासना काफी कठिन होती है। नौ दिनों तक घरों में पूजा पाठ का माहौल रहता है। घरों में इन दिनों में भक्ति का माहौल रहता है। बाद में नवमीं पर नदी, तालाब, पोखर में जवारे विसर्जित किए जाते हैं।इसी तरह नगर कसडोल के बगदेवी पारा के प्रतिष्ठित व्यक्ति गणेश साहू के घर पर भी इस वर्ष अश्विन माह के नवरात्र पर जंवारा बोआ गया जिसे पूरे विधि विधान पूर्वक संध्या काल के पूर्व नगर स्थित बांधा तालाब में विषर्जित किया गया।इस कार्यक्रम में पारिवारिक सदस्य विजय साहू, रमेश, राजेंद्र, उज्जैन, कमलेश साहू, साहेब लाल साहू मोनू, दीपक, बैगा एवं उर्वी का विशेष सहयोग रहा।

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