प्रांतीय वॉच

गौठानों में गायों को हरा चारा खिलाने 631 एकड़ में चारागाह का विकास

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कमलेश रजक/मुंडा : जिले में नरवा,गरवा, घुरवा,बाड़ी योजना के अंतर्गत पूरे जिले में 303 चारागाह विकसित करनें की योजना बनाई गई है। जिसमें से शत प्रतिशत 303 चरागाहों का निर्माण पूर्ण हो गया है। जिलें के सभी चारागाहों में फेसिंग भी पूरा कर लिया गया है। इन चारागाहों में गायों को खिलाने के लिए लगभग 631 एकड़ क्षेत्र में चारे की बोआई की गई है। इनमें नेपियर, मक्का और ज्वार जैसे पौष्टिक चारे वाले प्रमुख रूप से शामिल हैं। जिले में राज्य सरकार की योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी अंतर्गत प्रथम चरण में 71 चारागाह द्वितीय चरण में 96 चारागाह, तृतीय चरण में 40 एवं चतुर्थ चरण में 96 चारागाह स्वीकृत किये गये है। इस प्रकार जिले में कुल 303 चारागाह स्वीकृत है। जिसके तहत कुल 631एकड़ भूमि में चारा का उत्पादन किया जा रहा है। इन चारागाहों में नेपियर घास के 4 लाख 41 हजार 750 रूट्स एवं अन्य बीज जैसे मक्का,बाजरा के करीब 5 हजार 621किलोग्राम का रोपण किया गया है। जिससे लगभग 45 सौ क्विंटल हरा चारा का उत्पादन होने की संभावना है। जिसे जिले के गौठानों में आने वाले लगभग 40 हजार पशुओं को हरा चारा प्रदान किया जावेगा। इन चारों के सेवन से लगभग 25 से लेकर 30 प्रतिशत तक दूध उत्पादन एवं गायों के स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। चारागाहों का उपयोग गौठान प्रबंधन समिति के माध्यम से गौठान में रखे गये पशुओं के लिए किया जावेंगा। जिससे ग्रामीणों के आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी होगी,साथ-साथ गोबर उत्पादन से भी आय अर्जित किया जा सकेगा। प्रत्येक गौठान में हरा चारा एवं पैरा को काटने के लिए हस्त एवं विद्युत चलित चाॅफ कटर की व्यवस्था की जा रही है, जिससे चारे एवं पैरे का पूरा उपयोग होगा एवं बर्बादी नहीं होगी।इसके साथ ही 223 चारागाहों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है एवं 80 में अभी भी सिंचाई सुविधा उपलब्ध नही है। जिस पर लगातार सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया जा रहा है।

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