टीकम निषाद/देवभोग : पीडब्ल्यूडी विभाग के पूर्ण सड़क कार्य की इंजीनियर से लेकर जिला कार्य पालन अभियंता द्वारा जमीनी स्तर पर परत दर परत टेस्ट करने के बाद सड़क की कोर कटिंग लैब में भेजा जाता है ताकि पूरी पुष्टि के बाद राशि जारी किया जाए और विभागीय कार्य में तेजी की तुलना ठेकेदारी प्रथा में काफी धीमी प्रक्रिया देखने को मिलता है। लेकिन सगड़ा और बुरजाबहाल हाई स्कूल मैं सीसी सड़क निर्माण किए ठेकेदार पर इंजीनियर एसडीओ काफी मेहरबान दिखाई पढ़ रहे है। तभी मूल्यांकन और सत्यापन की प्रक्रिया मैं तेजी देखने को मिल रहा है। जिसे लेकर ग्रामीरो द्वारा कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं । क्योंकि मूल्यांकन और सत्यापन के आधार पर जिला के प्रमुख अधिकारी जमीनी स्तर के कार्य को देखे बिना कार्यालय में बैठे-बैठे ठेकेदार को राशि जारी कर देते हैं। जबकि ठेकेदार द्वारा जमीनी स्तर पर स्टीमेट को दरकिनार करते हुए गुणवत्ताहीन कार्य को अंजाम दिया है। जिसका प्रमाण उखड़ते मैटेरियल को देख स्पष्ट होता है। बावजूद इसके पीडब्ल्यूडी विभाग के जिम्मेदार अफसर ठेकेदार को फायदा पहुंचाने से पीछे नहीं हैं। शायद यही वजह है कि स्तरहीन कार्य के खिलाफ ना राशि कटौती होती है ।और ना कार्यों में सुधार कराया जाता है। जिसका खामियाजा चंद महीनों बाद स्कूली छात्र छात्राओं को उठाना पड़ेगा गौरतलब हो कि सगड़ा हाई स्कूल में करीब 28 लाख की लागत से 2 माह पहले करीब 180 मीटर का सीसी सड़क पीडब्ल्यूडी ठेकेदार द्वारा निर्माण कराया गया जिसकी पोल अभी से ही खुलने लगी है। सड़क की परत उखड़ने के अलावा फटने भी लगी है कुछ इस तरह बूरजाबहाल हाई स्कूल में निर्माण सीसी सड़क का हाल है । इसकी शिकायत खुलकर सामने आने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई असर देखने को नहीं मिला बल्कि ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए मूल्यांकन और सत्यापन की प्रक्रिया में तेजी लाने की बात सामने आ रही है। जिससे अवगत ग्रामीण और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि नाराजगी जाहिर करते हुए विभागीय मंत्री और कलेक्टर से शिकायत कर उच्च स्तरीय जांच की मांग करने की बात कह रहे हैं। क्योंकि सड़क की हालत देख आने वाले कुछ दिनों में बच्चों को ही से फिर से जर्जर सड़क पर आवागमन के लिए मजबूर होना पड़ेगा जिसकी परवाहा ना ठेकेदार को रही और ना अधिकारियों मैं है।
ठेकेदार को फायदा पहुंचाने पीडब्लूडी अफसरो की मूल्यांकन सत्यापन की तैयारी पर सवाल
