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ED दफ्तर पहुंचे ममता के भतीजे और TMC नेता अभिषेक बनर्जी, बोले- जांच में पूरा सहयोग करूंगा

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नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी सोमवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के दफ्तर पहुंचे. अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुझे जांच एजेंसी ने समन किया था, इसलिए आया हूं और प्रवर्तन निदेशालय के साथ पूरा सहयोग करूंगा. दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को तलब किया था. हालांकि अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा ने मौजूदा कोविड स्थिति का हवाला देते हुए बीते बुधवार को नई दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष कोयला चोरी घोटाले के संबंध में पेश होने में असमर्थता जतायी. इसके साथ ही उन्होंने एजेंसी के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे उनके कोलकाता स्थित आवास पर आकर पूछताछ करें.

डायमंड हार्बर सीट से सांसद हैं अभिषेक बनर्जी
उधर, ईडी के समन से खफा ममता ने नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार पर देश के ”संघीय ढांचे को तहस-नहस करने” और राज्यों के अधिकारों को छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया. अभिषेक बनर्जी लोकसभा में डायमंड हार्बर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं. ईडी के अधिकारियों ने बताया कि अभिषेक को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष दिल्ली में छह सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया गया है, जबकि उनकी पत्नी रुजिरा को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इसी तरह का समन भेजकर एक सितंबर को पेश होने को कहा गया था. मामले में रुजिरा से पूर्व में सीबीआई ने पूछताछ की थी.

जानिए क्या है पूरा मामला
अधिकारियों ने बताया कि मामले में अभिषेक से जुड़े एक वकील तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के कुछ अधिकारियों भी अगले महीने अलग-अलग तारीखों पर पेश होने के लिए तलब किया है. ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की नवंबर, 2020 की एक प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया था. सीबीआई की प्राथमिकी में आसनसोल और उसके आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया है.

इस मामले में अनूप माझी उर्फ लाला मुख्य संदिग्ध है. ईडी ने पहले दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध व्यापार से प्राप्त धन के लाभार्थी हैं, जबकि उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोयला घोटाला मामले में अपने भतीजे अभिषेक को पूछताछ के लिए तलब किये जाने के बाद केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ मंत्रियों की कोयला माफिया से मिलीभगत है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने ”केंद्र के अधिनायकवाद” के खिलाफ लड़ने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाने का प्रस्ताव रखा.

अपनी लड़ाई जारी रखेंगेः ममता
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा और केंद्र सरकार हमसे राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ सकती. पार्टी (भाजपा) विधानसभा चुनावों में हार गई थी और अब वे केंद्रीय एजेंसियों का हमारे नेताओं जैसे अभिषेक बनर्जी व अन्य के खिलाफ उपयोग कर रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें बता दूं, वे हमें डरा धमका नहीं सकते. हम उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.’’

प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन मामले में कम से कम दो गिरफ्तारियां की हैं. उनमें से एक टीएमसी युवा विंग के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा हैं. बताया जाता है कि विनय मिश्रा ने कुछ समय पहले देश छोड़ दिया था और संभवत: अपनी भारतीय नागरिकता भी छोड़ दी थी. इस साल की शुरुआत में इस मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए दूसरे व्यक्ति बांकुरा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा हैं. ईडी ने पूर्व में दावा किया था कि मिश्रा बंधुओं को अनुमानित तौर पर 1,352 करोड़ रुपये के इस मामले में ‘‘कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की रकम’’ मिली.

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