टीकम निषाद/देवभोग : 2 दिन की धरपकड़ कार्यवाही के बाद अवैध रेत निकासी और भी ज्यादा बढ़ गया है जिसे लेकर जिम्मेदारों पर तरह-तरह के सवाल खड़ा किया जा रहा है क्योंकि वर्तमान में तेल नदी घाट पर शाम 6:00 बजे से लेकर पूरी रात ट्रैक्टर से बालू निकाला जा रहा है और मजबूरी का फायदा उठाते हुए प्रति ट्रिप 3 से 5000 में खफा कर रेत माफिया मालामाल हो रहे हैं लेकिन इसका भाग गरीब तबका और निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों पर पढ़ रहा है बावजूद इसके अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा जबकी कुम डई करला गुड़ा खोकसारा में बेधड़क बालू की अवैध उत्खनन हो रहा है जिसे देख किसान और आम ग्रामीण भी चिंतित है क्योंकि रेत माफिया द्वारा लगातार रेत निकासी से आजू बाजू की भूमि का कटाव होने का डर हमेशा बना होता है इसके अलावा भारी ट्रैक्टर से छोटे-छोटे पुलिया पर भी असर होता है बावजूद इसके आज तक अवैध कारोबारियों के खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हो पाया। यही वजह है कि इस बार आम लोगों के अलावा किसानों में भी अवैध उत्खनन को लेकर रोष देखा जा रहा है। गौरतलब हो की पूरनापानी घाट पर रेप की उत्खनन करने के लिए शासन द्वारा अनुमति दिया गया है और हमेशा की तरह इस बार भी बरसात के दौरान रेत उत्खनन पर पाबंदी लगा हुआ है । फिर भी सिर्फ कुमडाई घाट से 100 टिरप ट्रैक्टर से रेती निकाला जा रहा है। खासकर रात के अंधेरे का सहारा लेकर रेत माफिया जगह जगह रेत की भंडारण कर रहे है। और पूरी वस्तु स्थिति से अवगत अधिकारी हाथ पर हाथ धरे नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो वर्तमान की तरह आने वाले दिनों तक रेत का निकासी किया जाता है। तो नदी किनारे काफी ज्यादा कटा व होगा जिससे नाराज किसान भी अब खुलकर रेत माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोल कलेक्टर से शिकायत करने की बात कह रहे हैं। क्योंकि चंद पैसा कमाने के लिए रेप कारोबारी पर्यावरण की परवाह किए बिना लगातार नदी का दोहन कर रहे है।
शाम से रात तक रेत की अवैध उत्खनन पर जिम्मेदार अधिकारी खामोश
