- आयोग की सुनवाई में भी नही हो रहे उपस्थित न ही दे रहे जवाब
दिलहरण चंद्रा/जैजैपुर/हसौद । सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 कानून बनने के बाद आम लोगों को शासकीय विभाग के कार्यो एवं जिम्मेदार अधिकारियों – कर्मचारियों के द्वारा किए जा रहे भर्ष्टाचार में सुधार आने की अपेक्षा किया जा रहा था। यह कानून बने लगभग 16 वर्ष बीत जाने के बाद भी आरटीआई कानून की धज्जियां उड़ाने जन सूचना अधिकारी कोई कसर नही छोड़ रहे है।
ऐसा ही एक मामला इन दिनों जांजगीर चाम्पा जिले के जैजैपुर नगर पंचायत में देखने को मिल रहा है जहां के जिम्मेदार जन सूचना अधिकारी आरटीआई नियमोँ की धज्जियां उड़ाने में लगे है मामला 10/08/2020 का है जब नगर पंचायत जैजैपुर में सूचना के अधिकारी अधिनियम 2005 की धारा के तहत जानकारी मांगी गई। यहां तीन अलग अलग विषयों में आवेदनकर्ता शेख मुबारक के जानकारी मांगे जाने के बाद जन सूचना अधिकारी प्रणायाम मेश्राम के हाथपांव फुलने लगे और तय समय में आवेदन कर्ता को जानकारी नही दी गयी। इसके बाद आवेदनकर्ता ने नगर पंचायत जैजैपुर के तत्कालीन प्रथम अपीलीय अधिकारी भुपेश दीवान के समक्ष प्रथम अपील पेश किया परन्तु मांगी गई जानकारी से भ्रष्टाचार खुलने का डर से सहमे प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी कोई सुनवाई नही की और न ही कोई आदेश पारित किया। जिससे आवेदनकर्ता शेख मुबारक अत्यंत विवश होकर छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया हुए शिकायत किया। जिस पर राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई तारीख दी एवं सुनवाई पूर्व नगर पंचायत जैजैपुर के जन सूचना अधिकारी से लिखित जवाब मांगा। जिस नगर पंचायत जैजैपुर के गैर जिम्मेदार जन सूचना अधिकारी ने न ही आयोग को लिखित जवाब दिया न ही जांजगीर एनआईसी में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुनवाई में उपस्थित हुआ। आयोग में चल रहे सुनवाई को दो बार नजरअंदाज कर गए नगर पंचायत जैजैपुर के जन सूचना अधिकारी को कितना महंगा पड़ेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर इतना तो सिद्ध हो गया है। कि मांगी गई जानकारी में कही न कही नगर पंचायत जैजैपुर के जिम्मेदारों ने मिलकर जमकर फर्जीवाड़ा किया है जिसकी वजह से ना ही जानकारी दी जा रही है न ही आयोग की सुनवाई में उपस्थित हो रहे है। न ही जवाब दे पा रहे है।
आरटीआई की जानकारी देने में फिसड्डी है जैजैपुर ब्लॉक
बात की जाय पूरे जैजैपुर ब्लॉक आफिसों कि जैसे नगर पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत सहित तमाम सरकारी ऑफिसों में आरटीआई नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जाती है। यहां जानकारी लेने आने जाने से आवेदनकर्ताओं के चप्पल तक घिस जाते है। कई आवेदनकर्ता तो थक हार कर जानकारी मांगना ही छोड़ देते है ब्लॉक के ग्राम पंचायतों में अधिकतर ऐसे सचिव है जो RTI की आवेदन को देखकर ही भाग खड़े होते है। कई ऐसे है जो पोस्टमैन द्वारा लेटर को लेने से मना कर देते है तो कई पोस्टमास्टर से साठगांठ कर लेटर में अनुपस्थित लिखवाकर वापस आवेदक के पास भेज देते है। कही न कही जैजैपुर ब्लॉक में सूचना के अधिकारी अधिनियम के बारे में जागरूकता लाने की आवश्यकता है।