पुरुषोत्तम कैवर्त/कसडोल : कोरोना वायरस या Covid-19 संक्रमण ऐसी बीमारी है जिसे वैश्विक संगठन द्वारा महामारी घोषित किया गया है।धीरे- धीरे यह वायरस इंसान से इंसान में फैलने लगा। देखते ही देखते इस वायरस ने पूरे दुनिया में पैर पसार लिए। लेकिन सफल अभियान के बावजूद विभिन्न कारणों से ना सिर्फ ग्रामीण बल्कि शहरी क्षेत्रों के लोगों में भी टीकाकरण को लेकर असमंजसता तथा हिचकिचाहट महसूस की जा रही है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग टीकाकरण को लेकर उदासीन बने हैं। प्रशासनिक पदाधिकारी, स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों की गलतफहमी और डर दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों पर इसका असर देखने को मिल रहा है।जबकि ज़िले के पदाधिकारियों नद्वारा निरंतर कोरोना के टीका को रफ्तार देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मोर्चा थामे रखे हुए हैं। पर वही विकासखंड स्तर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के ढूल मूल रवैये एवं लापरवाही के कारण इन अथक प्रयास के बावजूद भी हितग्राहियों को पर्याप्त टीका नहीं मिल पा रहा है । जबकि कही कहीं तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को टीका लगवाने वालों का घंटों इंतजार करने पर भी अपना टारगेट पूरा करने में सफलता नहीं मिल पाता ।और जब ज़िले के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के लाख कोशिशों के बाद लोगों में टिका के प्रति विश्वास दिलाये जाने से टीकाकरण कराने आने वालों को टीका नहीं लग पाने के बाद । पुनः उन्ही लोगों को टीका के लिए प्रेरित किया जाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है ।
ऐसा ही वाकिया वनांचल क्षेत्र के गाँव आमगांव में देखने को मिला।
ग्राम पंचायत आमगांव मे सरपंच अनिरुध्द कुमार दीवान ,सचिव सोहद्रा साहु , पंच प्रतिनिधि भागवत प्रसाद दीवान शिक्षक रामस्वरूप दीवान, हरिराम पटेल, बेदराम नेताम, बघेल सर, आगंनबाडी कार्यकर्ता,मितानिनों, और युवा समिति से रेशम लाल दीवान, देवानंद दीवान, पोखराज दीवान, रविशंकर दीवान, धनंजय, गणेश दीवान, सी.एम.दीवान एवं अन्य साथियों के अथक प्रयास से लोगो मे कोरोना टिकारन के प्रति उत्सुकता दिखाई दि जिसमे स्वास्थ्य विभाग को 100 डोज के लिए सुचित किया गया था लेकिन वे लोग केवल 20 डोज ही लेकर आये थे वेक्सीन खतम होने के पश्चात 30 डोज उप स्वास्थ्य केन्द्र बारनयापारा से मंगाया गया और कुल 50 लोगों का ही टिकारन हो पाया उसके बाद बहुत से लोगों को टिकारन केन्द्र से बिना वेक्सीन लगाये वापस होना पडा।