रायपुर : बारिश शुरू होते ही रिहायशी इलाकों में सांपों का दंगल शुरू हो गया है। सांपों को रेस्क्यू करने नोवा नेचर के साथ स्नैक हेल्पलाइन एंड कंजर्वेशन सोसाइटी में नियमित 50 से ज्यादा कॉल आ रहे हैं। स्नैक रेस्क्यू करने संस्था चलाने वाले लोगों के मुताबिक सामान्य दिनों में जहां सांप रेस्क्यू करने दिनभर में पांच-छह कॉल आते हैं, वहीं बारिश के दिनों में सांप रेस्क्यू करने की डिमांड आठ से दस गुना तक बढ़ जाती है। कंक्रीट के जंगल के रूप में तब्दील हो रहे रायपुर में ही सांप को रेस्क्यू करने यह कॉल आ रहे हैं। सांप पकड़ने वाले दोनों संस्था प्रमुख मोइज खान, साजिद तथा एम.सूरज के मुताबिक राजधानी में स्नैक रेस्क्यू करने मंत्री से अफसर तक के बंगले के साथ विधायक निवास में रहने वाले लोग कॉल कर रहे हैं। स्नैक रेस्क्यू करने वाले संचालकों के मुताबिक सांपों को रेस्क्यू करने के बाद वे उन्हें शहर से दूर आउटर में घनी झाड़ियों या खेत में छोड़ देते हैं। स्नैक रेस्क्यू करने वाले लोगों के मुताबिक राजधानी में निकलने वाले ज्यादातर सांप विषैले नहीं होते। इस वजह से लोगों को सांपों से नहीं डरना चाहिए।
दलदली जगह से भी सांप निकलते हैं
स्नैक रेस्क्यू करने वालों के मुताबिक शहर के सड्डू तथा विधानसभा क्षेत्र से भी आए दिन स्नैक रेस्क्यू करने उनके पास कॉल आते हैं। पिछले दिनों विधानसभा परिसर में सात फीट से ज्यादा लंबा सांप धामन रेस्क्यू किया गया। इसी तरह से आबकारी भवन में जहरीले कोबरा सांप को रेस्क्यू किया गया है।
इस तरह सांप आने से रोक सकते हैं
सांपों के जानकारों के मुताबिक सांप चूहों से ज्यादा आकर्षित होते हैं। बारिश के दिनों में घर के आसपास खाद्य पदार्थ नहीं फेंकना चाहिए, जिसे चूहा खाने के लिए आए। इसके साथ ही खिड़की के पास मौजूद पेड़ की लताओं और शाखाओं की लगातार कटाई करना चाहिए। घर आंगन में चूहे के बिल को बंद कर नियमित कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करते रहना चाहिए। सांप से आमना-सामना होने पर उसके साथ छेड़खानी नहीं करना चाहिए। छेड़खानी करने से सांप के डसने का डर रहता है।