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मैनपाट में हाथियों के दल ने उजाड़ दी बस्ती, घर का अनाज भी कर दिया चट, सौ से अधिक ग्रामीण प्रभावित

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बिलासपुर/अंबिकापुर। मैनपाट में हाथियों का उत्पात जारी है। गुरुवार की रात हाथियों ने कंडराजा के बरडांड बस्ती को उजाड़ दिया। कच्चे मकानों को ध्वस्त कर दिया। ग्रामीण जान बचाकर भागने लगे। घर के अनाज को भी चट कर दिया। दहशत में ग्रामीण रात में गांव के बाहर डटे रहे। मिली जानकारी के मुताबिक रात में जब गांव में भोजन कर रहे थे उसी दौरान हाथियों का दल का आ धमका। जान बचाने लोग भोजन छोड़ भाग निकले। तीन हाथियों ने घूम-घूम कर घरों को तोड़ना शुरू किया। शेष हाथी बस्ती के नजदीक मौजूद रहे। एक-एक कर हाथियों ने पंद्रह से अधिक घरों को तहस नहस कर दिया।कच्चे मकानों को तोड़ने से दीवार में दबकर घरों के सामान नष्ट हो गए।हाथियों ने अनाज भी खाया।घर में रखा अनाज भी बाहर निकाल दिया। सुबह जब हाथी जंगल की ओर गए तो ग्रामीण बाल-बच्चों के साथ वापस लौटे। बस्ती का नजारा बदल चुका था। चारों ओर टूटे मकान,बिखरे सामान नजर आ रहे थे। लगभग सौ लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए है जिनके पास खाने को अनाज तक नहीं है। वन विभाग का अमला मौके पर पहुंच चुका है। नुकसान का जायजा लेकर मुआवजा देने की बात कही जा रही है। फौरी तौर पर ग्रामीणों को राहत देने किसी शासकीय भवन में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। हाथियों को बस्ती में आने से रोकने चार साल पहले की तकनीक पर वन विभाग ने फिर से काम शुरू किया था। जिस रास्ते हाथी आबादी क्षेत्र की ओर प्रवेश कर रहे थे उधर चलित विकर्षण बेरिकेड लगाने का काम हुआ था। लगभग चार किलोमीटर लंबाई में पीवीसी पाइप लगा उसमे जीआई तार बांध बारह वोल्ट का हल्का करंट प्रवाहित किया गया था। ताकि करंट के झटके से हाथी पीछे लौट जाए लेकिन यह तरकीब भी सफल नहीं हो सकी। हाथियों ने दूसरे रास्ते से बस्ती में प्रवेश कर तबाही मचाई है। बता दें हाथियों का यह दल मूलत: ओडिशा का है लेकिन रहवास के अनुकूल वातावरण मिल जाने से हाथी अब इस क्षेत्र से वापस नहीं लौट रहे है।

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