किरीट ठक्कर/गरियाबंद। 18 जून शुक्रवार को इंडियन मेडिकल ऐसोसीएशन (आई. एम. ए.) की राष्ट्रीय इकाई ने राष्ट्रीय स्तर पर विरोध दिवस के रूप में मनाया। देश में चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों पर बढ़ती जा रही हिंसक वारदातो का विरोध करते हुये डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के डाक्टरों और समस्त स्टाफ द्वारा काली पट्टी लगाकर काम किया गया।
इसी परिप्रेक्ष में कोविड अस्पताल गरियाबंद के प्रभारी डॉ जय कुमार पटेल ने बताया कि “ऐसी महामारी की स्थिति बने रहने के बावजूद डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ लगातार कोरोना से लड़ने के लिए अपना योगदान दे रहे है, लेकिन फिर भी ऐसी स्थिति में बार बार चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमले और घटनाक्रम चिकित्सको को हतोत्साहित करते हैं। साथ ही साथ ऐसी घटनाएं उनके मनोबल को कम करती हैं।”
चिकित्सक और चिकित्साकर्मी भी समाज का हिस्सा होते हैं, शासन को इस विषय में संज्ञान लेना आवश्यक हैं, अगर ऐसा ही चलता रहा और लगातार हमले होते रहे तो भविष्य में असुरक्षा की भावना के कारण लोग चिकित्सा के क्षेत्र में नहीं आना चाहेंगे और हमलों के डर से चिकित्सक आपातकालीन स्थिति में मरीजों का इलाज करने से बचेंगे। दोनों ही स्थितियों में नुकसान समाज का होगा।
लोगो को भी यह ध्यान रखना होगा कि इन परिस्थितियो को समझें और चिकित्साकर्मियो को समर्थन दे।