रायपुर : योगगुरु बाबा रामदेव के एलोपैथी मेडिसिन और डॉक्टरों को लेकर दिए बयान का विवाद बढ़ता जा रहा है। बयान पर भड़के छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टरों ने बाबा रामदेव पर महामारी कानून के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है। वहीं बाबा को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी मांग की है।
छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने आज एक प्रस्ताव पारित कर कहा, उनका संगठन राम किसान यादव उर्फ रामदेव बाबा द्वारा जारी सार्वजनिक बयान की कड़ी निंदा करता है। उस बयान में उन्होंने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने वाले एलोपैथी की खुले तौर पर आलोचना और अपमान किया।
एसोसिएशन की ओर से कहा गया, उनकी टिप्पणी केवल अपमानजनक और नीचा दिखाने वाला ही नहीं बल्कि विज्ञान का भी अनादर करने वाला है। जूनियर डॉक्टरों ने कहा, जहां एक ओर एलोपैथी के डॉक्टर अकेले ही कोविड-19 महामारी के प्रकोप का सामना कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ ये सज्जन उन डॉक्टरों के प्रति नफरत और भ्रामक सूचनाएं फैला रहे हैं। डॉक्टरों ने दो टूक कहा है, “बाबा रामदेव का बयान नफरत फैलाने वाला है। अधिकारियों से मांग है कि उन पर महामारी कानून के तहत मामला दर्ज करें। हम बाबा रामदेव से बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग करते है।”
बताया आत्मविश्वास गिराने वाला बयान
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से कहा गया, ऐसा बयान फ्रंटलाइन मेडिकल वर्कर्स का आत्मविश्वास गिराने जैसा है। उनमें से कई ने राष्ट्रीय कर्त्तव्य पूरा करते हुए अपनी जान तक दी है। आज की तारीख में एलोपैथी पद्धति ही सबसे वैज्ञानिक है। साक्ष्य आधारित दवाओं की प्रैक्टिस केवल एलोपैथी में होती है।
कहां-क्या कह गए थे बाबा
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में रामदेव को कहते हुए सुना जा रहा है, “एलोपैथी मूर्खतापूर्ण विज्ञान है। भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं। एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है।” इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी इस बयान के खिलाफ मुखर है।