प्रांतीय वॉच

खेतों में ही खराब हो रही है सब्जियां, परेशान किसानों ने सरकार से मदद की गुहार

Share this
  • सभी किसानों की को मुआवजा दे राज्य सरकार- प्रदीप सिन्हा सांसद प्रतिनिधि

प्रकाश नाग/केशकाल : केशकाल विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंगनपुर, गरका, सिलाटी समेत अन्य कई गांव के सब्जी किसान परेशान हैं। उनकी आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ रही है, किसान कोरोना संक्रमण काल के दौरान लागू किए गए लाकडाउन के कारण सब्जी बेच नहीं पा रहे हैं। उनका कहना है कि सप्लाई ठप है, इसके अलावा गाइडलाइन के नियम बेहद कठोर हैं। ऐसे में किसानों का रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। सब्जियों की खेती कर रहे किसानों का कहना है कि खेती से मुनाफा तो दूर लागत का खर्च तक नहीं निकल पा रहा है।

कोरोना काल में किसान परेशान, बड़े किसानों के लिए लॉकडाउन आफत

आपको बता दें कि स्थानीय स्तर पर छोटे किसानों से सब्जी विक्रेता सब्जियां खरीद रहे हैं, लेकिन वहीं बड़े किसानों की हालात बिगड़ रही है। लॉकडाउन के कारण सब्जी की सप्लाई ठप हो गई है, कई किसानों ने कर्ज लेकर खेती किया है तो कई किसानों ने लीज पर जमीन लेकर खेती की है। सब्जी की खेती कर रहे हैं किसानों की चिंता लॉकडाउन के साथ और गहराते जा रहा है।

सब्जी की खेती करने वाले किसान लॉकडाउन से परेशान सब्जियां हो रही है खराब-

ग्राम सिंगनपुर के किसान विभाष दुबे ने बताया कि उन्होंने लगभग खेत में लगभग 15 एकड़ खेत मे कलिंदर, खरबूजा व अन्य सब्जियां लगवाई थी। खेत से तोड़कर कलिंदर, खरबूजा आदि बाजार तक नहीं पहुंचाया जा सका क्योंकि लॉकडाउन में बाजार बंद है। मजदूरों को मजदूरी देने लायक कमाई भी नहीं हुई है। हमने अपनी खेत में सब्जीयों की खेती भी की है। हमने लगभग 50 एकड़ खेत मे मिर्च, टमाटर, बैगन, करेला, गोभी आदि भी लगाया है। लेकिन लॉकडाउन में सभी सब्जी मंडी बन्द है, जिसके कारण सब्जियों की बिक्री नही होने के कारण उसकी लागत भी नही निकल पा रही है।

लॉकडाउन के चलते कर्ज तले दबे है किसान सरकार को देनी चाहिए मुआवजा

सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सिन्हा ने बताया कि गांवों में सैकड़ों किसानों ने इस साल अच्छा मुनाफा कमाने का सपना सजोया था। पैदावार इस बार अच्छी हुई है, लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण उनका सब कुछ खत्म होने लगा है। खेतों में लगे सब्जियों के ढेर और खराब होती सब्जियों की पैदावार के चलते किसानों के आंखों से आंसू बहने लगे हैं। सिन्हा ने बताया कि गांव में किसान व्यापारियों से खाद बीज दवाइयां उधार पर लेकर खेती करते हैं। फसल तैयार होने के बाद फसल बेचकर कर्ज उतार दिया जाता है। किसान पर भरोसा कर व्यापारी उधार में सामान देता है, लेकिन अब फसल खेतों में खराब हो रही है। किसान को कर्ज की चिंता भी सता रही है। लोग सब्जियों के लिए और किसान सब्जी बेचने के लिए परेशान हो रहे हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देते हुए तत्काल सभी किसानों मुआवजा देना चाहिए ।

कर्ज से निकलने के लिए सरकार से मदद की गुहार

किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि सब्जी को खेतों से लोगों के घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था करें। सब्जी में तमाम पोषण हैं जो कोरोना काल में लोगों को स्वस्थ्य रखने और बीमारी से लड़ने में मदद करेगा। साथ ही किसानों पर पड़ रहा आर्थिक बोझ कम होगा।

फसलों के नुकसान के बारे में लिखित जानकारी देकर अवगत करवाएं पीड़ित किसान- कलेक्टर

इस विषय पर कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए हमने कभी सब्जी व फल आदि के विक्रय पर प्रतिबंध नही लगाया था। लॉक डाउन की अवधि में भी ठेले के माध्यम से सब्जी/फल की चलित दुकान लगाने की अनुमति दी गयी थी। साथ ही बड़े किसान जो कि अधिक मात्रा में सब्जियों व फल का उत्पादन कर मंडियों में सप्लाई करते हैं उनके लिए भी मंडी के गोदामों में लोडिंग/अनलोडिंग के लिए विशेष छूट दी गयी है। ताकि सम्बंधित किसानों द्वारा निर्धारित समय पर सब्जियों का परिवहन किया जा सके। किसानों की फसलों के खराब होने के चलते उनके नुकसान होने जैसी किसी प्रकार की शिकायत हमारे पास नही आई है। भविष्य में यदि किसी किसान के द्वारा हमे आवदेन के माध्यम से हुए नुकसान से अवगत करवाया जाता है तो हमारे द्वारा उस किसान की फसल के नुकसान की जांच करवाई जाएगी।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *