पटना : एक तो कोरोना का ख़तरा, दूसरी गर्मी और ऊपर से बढ़ती महंगाई ने बिहारवासियों की समस्या और बढ़ा दी है. पहले से ही पेट्रोल-डीजल के दाम में आई तेजी से परेशान बिहार के लोगों को अब सरसों तेल की चढ़ती कीमतों ने परेशान कर दिया है. राजधानी पटना में सरसों तेल की क़ीमत 200 को पार कर गई है. ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब सरसों तेल के दाम 200 रुपए के पार गए हैं. कोरोना लॉकडाउन के बीच पिछले साल भी सरसों तेल की कीमत 120 से 125 रुपए लीटर थी. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने इस जरूरी घरेलू सामान के दाम आसमान पर पहुंचा दिए हैं.
राजधानी पटना के बाजार में सरसों तेल के अलग-अलग ब्रांड की कीमतों पर गौर करें तो आप हैरान रह जाएंगे. पटना के बाजारों में सबसे ज्यादा बिकने वाले इंजन छाप सरसों तेल अभी 220 रुपए लीटर बिक रहा है. वहीं स्कूटर ब्रांड तेल की कीमत 170 रुपए प्रति लीटर हो गई है. इसके अलावा धारा ब्रांड ऑयल 195 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है. बाज़ार में खुला और कोल्हू का पेराई वाला तेल भी बिक रहा है, जिसकी कीमतें भी 175 से 200 से ऊपर है.
बिहार में अचानक सरसों तेल की बढ़ी कीमत के पीछे खपत को मुख्य वजह बताया जा रहा है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि उम्मीद के मुताबिक पिछले साल सरसों का उत्पादन नहीं हुआ, जिसके कारण भी तेल के दाम में आग लगी हुई है. देश के कई राज्यों में कोरोना लॉकडाउन की वजह से बिहार में खपत के मुताबिक सरसों तेल की सप्लाई भी नहीं हो रही है, इसके कारण भी रसोई की इस सबसे जरूरी चीज के दाम आसमान छूने लगे हैं.
पटना सिटी के सरसों तेल कारोबारी रामजी प्रसाद कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से सरसों तेल के दाम में तेज़ी आई है. बाहर से जिस मात्रा में तेल आता था, अभी नहीं आ रहा है. लॉकडाउन के कारण लोग घरों में कैद हैं, तो खपत भी बढ़ी है. खासकर मांसाहारी भोजन में तेल का इस्तेमाल देखते हुए यह मांग बढ़ी है.
इधर, बिहार की खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि हम पूरी जानकारी मंगा रहे हैं. सरसों तेल के दाम बढ़ने की वजह क्या है, सरकार इसका पता लगा रही है. अगर सरसों तेल की कालाबाजारी का मामला सामने आया, तो ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सरकार जल्द से जल्द सरसों तेल की कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश में जुटी है.