टीकम निषाद/देवभोग : एक और गरीब मजदूरों की आय लगभग बंद हो गई है। तो दूसरी ओर इस लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए कुछ कारोबारी अपनी कमाई का मौका बनाए हुए हैं। जिसके चलते अधिकांश घरों में सब्जी बमुश्किल बन पा रहा है। क्योंकि आलू से लेकर तेल और फल से लेकर पेट्रोल तक के दाम दोगुना से अधिक बढाए हुए हैं। इससे कारोबारी तो मालामाल हो रहे हैं। लेकिन गरीबों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह खराब हो रही है। शायद जिला मुख्यालय में फल तेल आलू पेट्रोल सहित अन्य सामग्री को इतने दाम पर नहीं बेचा जा रहा है। मगर मुख्यालय सहित आजू बाजू के कईयों गांव में खाद्य सामग्री के दाम आसमान छू रहे हैं। जिससे प्रशासनिक अमला भी अच्छी तरह अवगत है ।लेकिन अब तक मूर्ख दर्शक नजर आ रहा है। यही वजह है कि लोग लॉकडाउन खत्म होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यहां बताना लाजिमी होगा कि पेट्रोल प्रति लीटर 180 रूपए से अधिक पर निजी दुकान में बेचा जा रहा है। तो वही दाल 200 के पास भेज रहे हैं इसके अलावा आलू की कीमत 70 रूपए लगाया जा रहा है ।हैरान तो फल के दाम सुनकर हो जाएंगे क्योंकि जो अकेला 40 रूपए मैं एक दर्जन उपलब्ध होता रहा। वह 100 से 120 रूपए में बेचा जा रहा है। साथ ही गुटखा सिगरेट को भी दोगुना धाम पर बेच रहे हैं जबकि बड़े-बड़े कारोबारियों ने लॉकडाउन से पहले इस आपदा का फायदा ना उठाते हुए निर्धारित दाम पर सामान बेचने की अपील किया रहा। फिर भी कुछ कारोबारी इस संकट की घड़ी में अपना कमाई ढूंढ रहे हैं। मतलब बचे लॉकडाउन के दिन किस तरह गुजारा जाए क्योंकि कारोबारियों की अपील का असर तो बिल्कुल भी देखने को नहीं मिला। बल्कि लॉकडाउन से पहले खाद्य सामग्री से लेकर नशीली पदार्थ को जाम कर रखा रहा और लॉकडाउन के दौरान सप्लाई किया गया है जिससे मुनाफाखोरो को काफी ज्यादा आर्थिक लाभ हुआ है बताया जाता है कि कुछ कारोबारी इस 5 दिन के लॉकडाउन में लाखों रुपए आराम से बना चुके हैं। क्योंकि लोगों की दिनचर्या में शामिल सामग्री के दाम ही बढ़ाए हैं। जिसे खरीद कर गरीब परिवार भी जैसे तैसे अपना गुजर बसर करने को मजबूर है।
तेल आलू पेट्रोल फल को दोगुना पर बेचकर कारोबारी मालामाल प्रशासन बना मुख दर्शक
