*अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों मे पर्याप्त खाद्यान का भण्डारण करने के दिए निर्देश*
(दंतेवाड़ा ब्यूरो) खिलेंद्र ठाकुर l कलेक्टर दीपक सोनी की अध्यक्षता में जिले में बाढ़ आदि नैसर्गिक विपत्तियों से निपटने के लिए गठित आपदा प्रबंधन समिति की वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में आगामी मानसून में बाढ़ एवं वर्षा से उत्पन्न विपत्तियों से निपटने की तैयारियों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गईं। बैठक में जिला एवं तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष सहित आपदा प्रबंधन के लिए कार्य योजना के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया गया। कार्य योजना के तहत् विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सौपे गए दायित्व की समीक्षा की गई। बैठक में संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी आपदा प्रबंधन सुश्री आस्था राजपूत ने बताया कि बाढ़ एवं नैसर्गिक विपत्तियों में निपटने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है। इसी तरह तहसील स्तर कक्ष की स्थापना किए जाने के निर्देश कलेक्टर सोनी ने दिए। बैठक में विपत्तियों से निपटने हेतु विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है। इसमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम को पहुंचविहीन क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति में जहां पहुच पाना संभव नहीं होता है। वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री नमक केरोसीन जीवन रक्षक दवाएं आदि पहले से ही संग्रहित करने की जिम्मेदारी दी गई है। आगामी मानसून को देखते हुए 4 माह का खाद्यान भंडारण कर लिया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल की शुद्धता रखते हुए, कुंआ, हेण्डपंप और अन्य पेयजल स्त्रोंतों के लिए ब्लीचिंग पाउडर इत्यादि की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए। जिन क्षेत्रों में प्रति वर्ष बाढ़ आती है, उन क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखने तथा बाढ़ की स्थिति में नाव या डोंगे से आवागमन न करने के निर्देश दिए। इन स्थानों में विशेष व्यवस्था की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर ऐसे क्षेत्र के लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुचाने एवं ठहरने के लिए कैम्प आदि का सम्पूर्ण कार्य योजना तैयार कर आवश्यक कार्यवाही करने की जिम्मेदारी तहसीलदारों को दी गई है। नगर सेना को जिम्मेदारी दी गई है कि वे बाढ़ से बचाव से संबंधित जो भी उपकरण जिले में उपलब्ध है , उन्हें दुरस्त कराएं। नगरीय विभाग के नगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने संबंधित नगरीय निकाय क्षेत्र में तमाम नाले व नालियों की निरतर साफ-सफाई करवाएं। पीडब्लूडी को जल्द से निर्माणाधीन पुल का निमार्ण करने के दिये निर्देश। साथ ही नगरीय क्षेत्र में जर्जर भवनों की पहचानकर आवश्यकतानुसार मानसून के दौरान भवनों की निगरानी करें तथा उन मकानों में निवासरत परिवारों को अन्यत्र बसाए जाने की व्यवस्था करें। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की जिम्मेदारी यह होगी कि बाढ़ की स्थिति में संक्रामक बीमारियों की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल का गठन कर आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अश्विनी देवांगन, एडीएम अभिषेक अग्रवाल, नोडल अधिकारी आस्था राजपुत उपस्थित थे।