टीकम निषाद/देवभोग : मुख्यालय सहित गांव गांव के लोगों को इन दिनों जय दुर्गा भारत गैस एजेंसी द्वारा काफी राहत पहुंचाया जा रहा है । लॉकडाउन की स्थिति में गरीब के घरों का चूल्हा जल पाए इसके लिए एजेंसी के कर्मचारी बिना कोरोनावायरस की परवाह किए घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचा रहे है। । इससे थोड़ी राहत गरीब मध्यम परिवार को मिल रहा है ।क्योंकि लॉकडाउन के चलते दाल आलू सहित खाद्य सामग्री के लिए हाथ पांव जोड़ कर भी लेना पड़ रहा है। ऐसे में जलाऊ लकड़ी का इंतजाम महज अंदाजा लगाया जा सकता है ।आपको यह बता दे कि ब्लॉक में शत-प्रतिशत परिवार गैस के दाम बढ़ने के बाद लकड़ी के भरोसे खाना पकाते रहे ।लेकिन लॉकडाउन में फिर से वही बड़े गैस के भरोसे घर का चूल्हा जला रहे हैं ।जंगल से जुड़े गिने-चुने गांव को छोड़कर बाकी गांव में गैस सिलेंडर से खाना बनाया जा रहा है ।ऐसे में गैस सिलेंडर की उपलब्धता कराने के लिए जय दुर्गा भारत गैस सिलेंडर एजेंसी द्वारा घर घर गैस पहुंचाया जा रहा है ।रोजाना 50 से 70 घरों में जय दुर्गा भारत गैस एजेंसी द्वारा गैस पहुंचाने की बात कही जा रही है ।लॉकडाउन के दौरान करीब 3000 ग्राहकों के घरों में गैस की डिलीवरी किया जा चुका है ।इससे रूखी सूखी खाना पकाना आसान हो रहा है। तभी जय दुर्गा भारत गैस एजेंसी द्वारा घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने में एड़ी चोटी लगा दिया है। ताकि कोई भी परिवार इस संकट की घड़ी में गैस सिलेंडर के अभाव में भूखे गुजारने को मजबूर ना हो इससे उन गांव के महिलाओं को काफी राहत मिल रही है ।जो जलाऊ लकड़ी के लिए दर-दर भटकती है। क्योंकि लॉकडाउन से पहले जलाऊ लकड़ी आसानी से एक साथ मार्केट में मिलता रहा। लेकिन लॉकडाउन के बाद जलाऊ लकड़ी पूरी तरह बंद हो गया है ।ऐसे में दाल रोटी बनाने का एक ही सहारा गैस सिलेंडर है। और लोगों को सिलेंडर गैस सिलेंडर के लिए गोदाम के बाहर कतार लगाये इससे पहले ही जय दुर्गा भारत गैस सिलेंडर एजेंसी द्वारा ग्राहकों को घर-घर गैस की डिलीवरी दिया जा रहा है। जिससे गरीब एवं मध्यम वर्ग के परिवार हल्की राहत मिलता नजर आ रहा है।
जलाऊ लकड़ी नहीं, घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचने से महिलाओं को राहत
