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लॉकडाउन में मनरेगा बना ग्रामीण रोजगार का बड़ा जरिया, पंचायतो में 43 हजार से अधिक ग्रामीणों को मिला रोजगार

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रविशंकर गुप्ता/अम्बिकापुर : कोविड-19 महामारी के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉक डाउन में अधिकांश गतिविधियां बंद है वही पंचायतों में मनरेगा के कार्य निरंतर चलने से ग्रामीणों के लिए रोजगार का बड़ा जरिया बन गया है और लोगो को मुश्किल दौर का सामना करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार तथा जिला पंचायत के सीईओ श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत पंजीकृत ग्रामीणों को उनके ही गॉंव में रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में 426 ग्राम पंचायतों में चल रहे 1180 कार्यो में 43 हजार 143 मजदूर कोरोना गाईड़ लाईंन का पालन करते हुए काम कर रहे है। मनरेगा की मजदूरी भुगतान बैंक सखियों के द्वारा कार्य स्थल पर ही किया जा रहा है जिससे मजदूरी भुगतान में सुविधा हो रही है।
जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार अम्बिकापुर जनपद में 7 हजार 138, लखनपुर जनपद में 6 हजार 464, उदयपुर जनपद में 5 हजार 33, लुण्ड्रा जनपद में 7 हजार 423, बतौली जनपद में 5 हजार 899, सीतापुर जनपद में 6 हजार 88 तथा मैनपाट जनपद में 5 हजार 98 मजदूर कार्यरत है। योजनांतर्गत निजी डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण, नवीन तालाब निर्माण, वन भूमि समतलीकरण, कूप निर्माण, कच्ची नाली निर्माण आदि के कार्य चल रहे है। मजदूरो को कार्यस्थल पर कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु मास्क पहनने, हाथ धोने तथा शारीरिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दी गई है जिसका पालन मजदूरो द्वारा किया जा रहा है। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने सभी जनपद के सीईओ को मनरेगा में अधिक से अधिक काम शुरू कर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

 

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