प्रांतीय वॉच

खेतों में सड़ रही सब्जियां, ई पास की सुविधा नहीं ट्रांसपोटिंग के लिए

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  • फसल तैयार, किसानों को हो रहा भारी नुकसान 
  • लॉकडाउन की झेल रहे मार , सब्जी उत्पादक व विक्रेता दोनों परेशान 
दिलहरण चंद्रा/ जैजैपुर/हसौद। हसौद  ब्लाक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बरेकेल के किसान पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी बड़े पैमाने पर करेला , बरबट्टी  सब्जी लगाए हुए हैं लाक डाउन के कुछ दिन पहले ही गांव के किसान अपने करेला बरबट्टी की फसल तोड़ाई करके सीधे सक्ती और शिवरीनारायण के व्यापारियों को बेचते थे किसान खुद  गांव से सब्जियों को पिकअप आदि से लेकर पहुंचते थे और भुगतान लेकर सब्जी बेच कर आते  थे बताते हैं कि रोजाना कई क्विंटल करेला बरबट्टी आदि सब्जी को  किसान भेज रहे थे जिससे उनका लागत अभी निकलना शुरू ही हुआ था की लॉक डाउन से उनकी आर्थिक स्थिति चरमराने लगी है  गांव की 40 से 50 मजदूर को रोजगार मिल रहा था  वह भी बेरोजगार हो गए हैं लॉकडाउन के चलते रोजाना करेला आदि की तोड़ाई  नहीं हो पा रहा है बरबट्टी  की फसल पेड़ पर ही सूख जा रहा है जिससे किसान समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें उन्हें लाखों का नुकसान हो रहा है धान की फसल छोड़कर उद्यान विभाग का करेला बरबट्टी फसल लगाए थे ये उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है।  कोरोना काल  में हो रहे लॉकडाउन के चलते गांव के सुनील भारद्वाज  ने बताया कि उनके द्वारा हर दूसरे दिन कई क्विंटल करेला बरबट्टी का तोड़ाई करके सक्ती और शिवरीनारायण भेजा जा रहा था। इसी प्रकार भारद्वाज जी  ने बताया कि 3 से 4 दिन में बरबट्टी   का तोड़ाई शुरू हुआ था साथ ही इसी प्रकार गांव के तीन चार अन्य किसान हैं जिन्होंने 5 से लेकर 10 एकड़ तक करेला , भाटा, बरबट्टी  लगाया हुआ है लेकिन अब इनका नुकसान बढ़ते जा रहा है बताया जा रहा है कि सब्जियों के लिए ई पास की सुविधा नहीं है यही वजह है कि  ट्रक पिकअप बाड़ी से मंडी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं देखने वाली बात होगी प्रशासन आने वाले समय में किसानों को नुकसान से बचाने क्या कदम उठाती है
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