समैया पागे/बीजापुर : थाना कोतवाली बीजापुर के राउत पारा का निवासी ईस्तारी दुर्गम पिता स्वार्गीय किष्टा दुर्गम का पैतृक गांव एडापल्ली हैं। वहां से ईस्तारी दुर्गम परिवार सहित 1995 में आकर राऊत पारा में बस गए। उन्होंने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए कठोर संघर्ष किया। तब कहीं जाकर खुद को सामाज में बैठने उठने के कबिल बनाया। जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे लेकिन कभी जिंदगी में धूप हो या छांव व विरोधियों से भी हर नहीं माने। सबको अनसुना कर परिवार को बेहतर जिंदगी देने के लिए निरंतर परिश्रम करने से पीछे हटे नहीं। यही नहीं उन्होंने कठोर परिश्रम से खुद को सामाज में बैठने उठने के काबिल बनाया। विवाह के बाद उन्होंने खुद जबसे संभाल तबसे दुकानदारी करते आ रहें एक अनुभवी और सुलझे हुए व्यक्ति दुसरो को राह दिखाने वाले सहनशील और धैर्य वान व्यक्ति अज्ञात कारणों से रविवार को सुबह जहर का सेवन किया। परिजन उपचार हेतु जिला अस्पताल तत्त्काल पहुंचाया गया। यहां गंभीर हालात देखते हुए डाक्टरों ने उन्हें कहीं अन्य अस्पताल में उपचार कराने के लिए परिजनों को सलाह दिया गया । उसके पश्चात परिजन ईस्तारी का उपचार कराने किराए के वाहन से वारंगल ले जा रहे थें। अस्पताल पहुंचने से पहले बीच रास्ते में ही दम तोड दिया। उनके पीछे दो बेटे एक बेटी एक पोता सहित उनकी सहधर्मिणी को छोड़ गए। 6 तारीख को उनका पार्थिव शरीर पंंतत्त्व में विलीन हो गया ।
अज्ञात कारणों से जहर का सेवन करने से दुर्गम ईस्तारी का हुआ मौत

