प्रांतीय वॉच

लाखों आवंटित के बाद भी मटिया पंचायत पर साफ सफाई का बुरा हाल ग्रामीण बीमारी से जूझने को मजबूर

Share this
टीकम निषाद/ देवभोग। मैनपुर ब्लॉक जैसे  आदिवासी  बाहुल्य  पंचायतों में भी  साफ सफाई का बुरा हाल है। जबकि  पिछड़ा क्षेत्र  होने के  चलते  स्वच्छता को लेकर  प्रमुखता के साथ सरपंच सचिव को ध्यान देना के लिए अधिकारियों द्वारा भी बारोबार कहा जाता है।  लेकिन  कागज पर साफ सफाई  बताकर गांव को  बदहाल स्थिति में  छोड़ रखे हैं।  ऐसे ही  ग्राम पंचायत मटिया का हाल है। मतलब सरकार द्वारा लाखों-करोड़ों रुपए ट्रैवल ब्लॉक को देने के बाद भी हालत नहीं सुधर पा रही  है ।आज भी भोले भाले गांव के लोगों को गंदगी के बीच रहना पड़ता है। मुख्य  मार्ग  किनारे गंदगी का अंबार लगा हुआ है। लेकिन सड़क किनारे पसरी  कचरा को  साफ करने के लिए जिम्मेदार जहमत नहीं उठा रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई महीनों से गांव की नाली नलकूप सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर कचरे का ढेर लगा हुआ है। मगर एक बार भी सरपंच सचिव द्वारा साफ सफाई नहीं कराया है । सिर्फ 14वें मद के तहत गांव पर कोराना काल में  राशन  सैनिटाइजर  मार्क्स  वितरण   कर  राशि  खत्म होने की बात कही जाती है निकाल लिया जाता है  । तभी  ग्रामीणों द्वारा  लगातार  गांव की साफ सफाई  की मांग को लेकर  सरपंच सचिव द्वारा  अनदेखा किया जा रहा है। सबसे दुर्भाग्य कि बात तो यह है। कि गांव की साफ सफाई नहीं होने के चलते अक्सर ग्रामीण मलेरिया बुखार सहित अन्य बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। फिर भी ग्रामीण गंदगी के बीच गुजर बसर करने को मजबूर है। बावजूद इसके जिम्मेदार सरपंच सचिव बिल्कुल भी साफ-सफाई को लेकर  गंभीर नहीं जबकि  मुख्य चौक  स्कूल परिसर मार्ग  एवं  बस्ती सहित तालाब को कई बार साफ सफाई करने के लिए सरपंच सचिव को कहा गया। लेकिन फंड नहीं आने की बात कहकर अपने अपने हाथ खड़े कर देते हैं । जबकि इस पंचायत मैं भी  14वें और  15 वें वित्त मद के तहत सरकार द्वारा लाखों रुपए आवंटित किया गया ।ताकि गांव में जरूरत अनुसार साफ-सफाई मरम्मत एवं निर्माण  कार्यों को प्राथमिकता के साथ किया जाए लेकिन सिर्फ कागज पर ही काम बता कर 14वें वित्त मद की  राशि काे बंदरबांट करने का आरोप भी ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा है। क्योंकि पंचायत में जब कभी बैठक या ग्राम सभा आयोजित किया जाता है । तो  लोगों को सूचना नहीं दी जाती और बैठक में मौजूद गिने चुने लोगों का हस्ताक्षर करा कर बैठक को समाप्त कर दिया जाता है। जिसके खिलाफ भी कईयों बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। लेकिन वर्तमान स्थिति में भी पारदर्शिता के साथ 14वें वित्त मद  की राशि का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
घनश्याम नागेश ग्राम पंचायत सचिव मटिया -:  गांव पर शौचालय नाली बनाने के साथ आगामी दिनों में साफ-सफाई भी करवाया जाएगा
Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *