टीकम निषाद/ देवभोग।लाखों रुपए बनाने वाले सरपंच सचिव सहित संबंधित अधिकारी पर प्रशासनिक उच्च अधिकारी वर्षों से मेहरबान नजर आ रहे हैं। तभी नर्सरी प्लांट में किए गए घोटाला के दोषियों को अब तक कार्यवाही के दायरे में नहीं लिया गया है। मामला मैनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरीघाट का है ।जहां 3 साल पहले तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ विनीत नंदनवार द्वारा बीते पंचायती कार्यकाल के दौरान 1 कराेड 20 लाख की नर्सरी प्लांट इस पंचायत में स्वीकृत किया गया। इसमें बेर सीताफल के अलावा तरह-तरह के पौधारोपण 20 हजार से अधिक क्या जाना था ।बाकायदा इसके लिए पंचायत को राशि भी दिया गया। लेकिन तत्कालीन सरपंच और वर्तमान पदस्थ सचिव ने प्लांट में गिने-चुने पौधा लगाकर पूरी राशि की बंदरबांट कर लिया। तभी आज नर्सरी प्लांट में पौधा कम और वीरान ज्यादा दिखाई पड़ता है। जबकि हाईटेक तरीके से नर्सरी प्लांट लगाने के लिए सरकार द्वारा 1कराेड 20 लाख राशि पंचायत को आवंटित किया गया। मगर यह नर्सरी प्लांट सरपंच सचिव सहित अधिकारियों की लालसा से भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गया। बावजूद इसके जिम्मेदार सचिव एवं तकनीकी देखरेख का जिम्मा संभाले अधिकारी पर कार्यवाही नहीं हो पाया। जबकि यह नर्सरी प्लांट की शिकवा शिकायत के बाद निरीक्षण कर जांच कई बार किया जा चूका है। जिसमें नर्सरी प्लांट पर स्वीकृत अनुसार पौधा रोपण नहीं करने की पुष्टि भी किया ।लेकिन यह घोटाला जिला के तत्कालीन बड़े अधिकारी तक तार जुड़े होने के चलते इस पर अब तक कार्यवाही नहीं हो पाया। हालांकि फिर से अब कार्यवाही की मांग जोरों पर उठ रही है। क्योंकि आज नर्सरी प्लांट को देख सरकार के लाखों रुपए फिजूल खर्च साबित हुआ है। जिसके लिए पंचायत के सरपंच सचिव को माना जाता है।
नरसिंह ध्रुव सीईओ मैनपुर -: जनपद पंचायत पर जांच प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है और जिला स्तर पर जांच किया गया है और जिला स्तर पर ही अगर दाैषी है ताे कार्यवाही किया जाएगा