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जिला प्रशासन एवं बीएसपी प्रबंधन के अधिकारियों ने रावघाट परियोजना अंतर्गत प्रभावित गांवों के ग्रामीणों की सुनी समस्या

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नरसिंग मंडावी/ नारायणपुर : नारायणपुर जिले में रावघाट परियोजना अंतर्गत प्रभावित गांव की समस्या सुनने तथा उनसे चर्चा करने जिला प्रशासन एवं बीएसपी प्रबंधन के प्रतिनिधियों का दल आज खोड़गांव पहुचें। खोडगांव में रावघाट परियोजना अंतर्गत प्रभावित 10 पंचायत के 22 गांवों के ग्रामीणों ने अपनी मांग एसडीएम श्री दिनेश कुमार नाग, सीजीएम बीएसपी श्री समीर स्वरूप, एसडीओ फारेस्ट, कार्यपालन अभियंता पीएमजीएसवाय श्री विनय वर्मा, तहसीलदार श्री सुनील सोनपिपरे, केतन भोयर के अलावा जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण उपस्थित थे। रावघाट परियोजना अंतर्गत प्रभावित गांवों के ग्रामीणों ने अपनी मांग अधिकारियों एवं बीएसपी प्रबंधन के समक्ष रखी, जिसमें प्रमुख रूप से क्षेत्र के प्रभावित बेरोजगार युवक एवं युवतियों को योग्यतानुसार नौकरी में पहले प्राथमिकता एवं आरक्षण का प्रावधान, देवी-देवताओं को स्थानांतरण न करने एवं उन्हें सुरक्षित रखने, पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षों की कटाई के पूर्व उसके बदले पुनः वृक्ष लगाने हेतु पहल, नदियों को दूषित न करें, आउटसोर्सिंग पर पूर्णता प्रतिबंध, चिकित्सा हेतु सुपर स्पेशिलिस्ट चिकित्सालय एवं डाक्टर तथा बेहतर ईलाज के लिए अच्छे चिकित्सालय रेफर हेतु सुविधा, शिक्षा हेतु डीएव्ही विद्यालय, प्रभावित गांवों में निर्माण और आईटीआई जैसे संस्थानों में इस क्षेत्र के लोगों की भर्ती हेतु समुचित व्यवस्था, माइनिंग क्षेत्र से बाईपास रोड एवं अंतागढ़ से नारायणपुर तक मेनरोड चौड़ीकरण, क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों के लिए योग्यतानुसार उच्च तकनीकी शिक्षा का प्रावधान, रेल्वे लाईन में प्रभावित किसानों के जमीन का मुआवजा व नौकरी तत्काल देने का प्रावधान, विद्युत लाईन में प्रभावित किसानों के जमीन का मुआवजा तत्काल देने, गोद ग्राम पंचायत पालकी, निबरा, कोहका, कंगाली, मड़पा, वर्चे, सरगीपाल, करलखा, हरायनार, मरदेल, छिदपरस को शामिल करने की मांग की गयी। इसके अलावा ग्रामीणों ने रावघाट माइंस क्षेत्र में कोई भी काम शुरू करने के पूर्व क्षेत्र के लोगों एवं संपूर्ण ग्रामवासियों को अवगत कराने के साथ ही ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित कर कार्य प्रारंभ करने, माईनिंग का कर तय अनुसार प्रभावित ग्राम पंचायतों या निर्मित समिति को लेने का प्रावधान, माईनिंग क्षेत्र में ही टाउनशिप खोले जाने, माईनिंग क्षेत्र में कार्य के दौरान दुर्घटना होेने पर स्थानीय मजदूरों को ईलाज एवं मुआवजा देने, माईनिंग क्षेत्र के अंतर्गत वनग्रामों को राजस्व में शामिल करनेे, सीएसआर मद से मूलभूत सुविधा प्रभावित क्षेत्र में विकास प्रावधान रखने, प्रबंधन द्वारा खदान का कार्य किये जाने के समय ग्रामीणों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और माईनिंग क्षेत्र की समस्याओं का समाधान 15 दिनों में करने की मांग ग्रामीणों द्वारा की गयी।
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