“पानी दो या हटाओ” – हेमूनगर में महापौर के घर के सामने फूटा गुस्सा
बिलासपुर। नगर निगम की लापरवाही और पानी संकट से परेशान अटल आवास के रहवासी गुरुवार को सड़क पर उतर आए। हाथों में बाल्टी, देगची और बर्तन लेकर लोगों ने हेमूनगर मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। खास बात यह रही कि यह हंगामा महापौर पूजा विधानी के घर के सामने ही हुआ। करीब 10 मिनट तक सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल रहा और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
लोगों का कहना था कि वे बीते 5 से 6 महीनों से पानी की किल्लत झेल रहे हैं। कई बार कलेक्टर, कमिश्नर और महापौर से गुहार लगाने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। रहवासियों का आरोप है कि न पानी की सप्लाई हो रही है और न ही नगर निगम कोई ठोस कदम उठा रहा है।
महापौर को करना पड़ा सामना
हंगामे की सूचना मिलते ही महापौर पूजा विधानी खुद बाहर आईं और लोगों को समझाकर सड़क से हटवाया। हालांकि इसी बीच उनके पति व पूर्व सभापति बिना कुछ बोले कार से निकल गए, जिससे लोगों का आक्रोश और भड़क गया। नाराज महिलाओं ने निगम प्रशासन और वार्ड पार्षद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
“अवैध हैं रहवासी” – महापौर का बयान
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि महापौर पूजा विधानी ने उन्हें अवैध रहवासी कहकर पानी व अन्य सुविधाएं देने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस शासनकाल में पैसे लेकर कब्जा दिलाया गया और प्रक्रिया अधूरी है। जब तक घरों की तोड़फोड़ और वैधानिक प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक पानी और बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी।
बयान से और भड़का गुस्सा
महापौर का यह बयान सुनकर रहवासी और ज्यादा नाराज हो गए। महिलाओं ने कहा कि जिनसे उन्हें उम्मीद थी, उन्हीं ने अवैध बताकर उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया। आक्रोशित महिलाओं ने कहा – “अगर हम अवैध हैं तो हमें हटवा दीजिए, लेकिन जब तक यहां हैं, तब तक पानी और मूलभूत सुविधाएं देना नगर निगम की जिम्मेदारी है।”
निगम की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस पूरे बवाल ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पानी संकट को लेकर जनता का गुस्सा अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। रहवासियों ने चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र होगा।