आईएपी वूमेन सेल ने कराई पैनल चर्चा, विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
बिलासपुर। इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ फिजियोथेरेपीस्ट की छत्तीसगढ़ वूमेन सेल ने बुधवार को हेल्थ वर्कर्स के लिए एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। इसमें स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी 50 से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया। चर्चा में ये बात सामने आई कि सही खानपान नहीं होने, वर्क लोड और मानसिक तनाव के कारण अब महिलाओं को कम उम्र में मेनोपॉज जैसी समस्याएं आ रही है। इससे उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। इससे महिलाओं में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
सीएमडी चौक स्थित आईएमए भवन में हुए कार्यक्रम में ‘साइलेंट स्ट्रगल्स: मेनोपॉज एंड मेंटल हेल्थ इन हेल्थकेयर वर्कप्लेस’ विषय पर चर्चा हुई। इस कार्यक्रम में कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, बाल संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन डॉ. वर्णिका शर्मा और महापौर पूजा विधानी के साथ-साथ आईएमए के अध्यक्ष डॉ. गोपेंद्र दीक्षित भी शामिल हुए। फिज़ियोथेरपिस्ट, गायनकोलॉजिस्ट और स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्र में सेवाएं दे रहे विशेषज्ञ शामिल हुए। सभी ने पैनल डिस्कशन में मेनोपॉज़ से जुड़े शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं कार्यस्थल पर आने वाली चुनौतियों सहित तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर विचार रखे। इसमें अपोलो अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि शर्मा ने बताया कि पहले महिलाओं में मेनोपॉज की समस्या आमतौर पर 40 से 45 साल के बाद होती थी, लेकिन बीते कुछ सालों में यह 40 से नीचे आयु की महिलाओं को भी हो रहा है। इसकी बड़ी वजह वर्क लोड और मानसिक तनाव है। कार्यक्रम में रायपुर से सब जॉइंट कॉर्डिनेटर डॉ. नेहा अग्रवाल, डॉ. पूजा चोपड़ा और डॉ. रिचा विश्वकर्मा शामिल हुईं। संचालन आईएपी वीमेंस सेल की स्टेट हेड डॉ. गरिमा तिवारी ने किया। इस आयोजन में आईएपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रशांत चक्रवर्ती, कोषाध्यक्ष डॉ. विक्रम द्विवेदी, डॉ. नेहा द्विवेदी व ट्रांस ईनरव्हील क्लब ने भी सहयोग किया।
केंद्रीय राज्य मंत्री साहू ने
चर्चा को बताया सार्थक
पैनल में हुई चर्चा का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए जागरूकता बढ़ाना और हेल्थकेयर वर्कप्लेस में सहयोगी वातावरण बनाना था। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी महिलाएं दूसरों के लिए तो तत्पर रहती हैं लेकिन खुद पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। ऐसी चर्चा से महिलाओं में जागरूकता आएगी। मेयर पूजा विधानी ने भी चर्चा को सार्थक बताया।
बीमारियों के लक्षण को नजरअंदाज न करें, खानपान सही करने की सलाह
डॉ. वर्णिका शर्मा ने ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को लेकर किए गए काम को साझा किया। उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर से जुड़ी महिलाएं वर्क लोड होने के कारण कई तरह की बीमारियों के शुरुआती लक्षण को नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। वहीं डाइटिशियन डॉ. वेदुला चंपा मजूमदार ने महिलाओं को मेनोपॉज या हार्मोनल परिवर्तन पर खानपान सही रखने की सलाह दी। डॉ. प्रकृति वर्मा ने गर्भ धारण करने को लेकर आ रही दिक्कतों पर प्रकाश डाला। इनके अलावा डॉ. सुश्री परिडा, डॉ. अमी मिश्रा, डॉ. भूमिका गिजारे ने अपने विचार साझा किए।