रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज भारतमाला परियोजना में भू अर्जन का मामला गूंजा। विपक्ष ने इसके लिए होने वाले मुआवजा वितरण में करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की गई। विभागीय मंत्री इसके लिए तैयार नहीं हुए जिससे नाराज होकर कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाते हुए बताया कि रायपुर से विशाखातनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भारत माला परियोजना के तहत भू अधिग्रहण की कार्यवाही की जा रही है। अभनपुर तहसील में इस परियोजना के लिए अधिकारियों ने मुआवजा वितरण में 43 करोड़ 19 लाख का भ्रष्टाचार किया गया है।13 मूल खसरों को 53 छोटे छोटे टुकड़ों में बांटकर अधिक मुआवजा वितरण कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है। इस फर्जीवाड़ा में अधिकारियों के अलावा राजनेता भी शामिल है। नेता प्रतिपक्ष ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने अपने जवाब में बताया कि भू अर्जन में अनियमितता हुई है । इसमें ट्रस्ट की जमीन का मुआवजा निजी व्यक्ति को देना, बड़े भूखंड का टुकड़ों में पुनः भू अर्जन किया गया, इसमें दोषी कुछ अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। अभी इसकी जांच चल रही है। चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सदन में बैठे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मामले की सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया इस पर विभागीय मंत्री ने संभागीय आयुक्त के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच कराने का आश्वासन विपक्ष को दिया। नेता प्रतिपक्ष लगातार इसकी जांच सीबीआई या विधानसभा की समिति से कराने की मांग करते रहे जिसके लिए विभागीय मंत्री तैयार नहीं हुए।अंततः कांग्रेस विधायकों ने मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर दिया।