तमिलनाडु :- तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की जब्त की गई आय से अधिक संपत्ति को आधिकारिक रूप से तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया है। इस संपत्ति में 27 किलो सोना, 1116 किलो चांदी और 1526 एकड़ जमीन के कागजात शामिल हैं।
संपत्ति ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी
14 फरवरी 2025 को सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में यह प्रक्रिया पूरी की गई। कोर्ट के आदेश के बाद इन संपत्तियों को कर्नाटक ट्रेजरी से तमिलनाडु सरकार को सौंप दिया गया। इस दौरान पूरी कार्यवाही को सुरक्षा घेरे में और वीडियोग्राफी के साथ संपन्न किया गया।
कौन-कौन सी संपत्तियां ट्रांसफर हुईं?
- सोना: 27 किलो 558 ग्राम (आभूषण)
- चांदी: 1116 किलो
- जमीन: 1526 एकड़ के दस्तावेज
जयललिता की संपत्तियों पर कानूनी लड़ाई
जयललिता के निधन के बाद उनकी भतीजी जे. दीपा ने इन संपत्तियों पर अधिकार जताते हुए कानूनी दावा किया। हालांकि, अदालत ने फैसला सुनाया कि भ्रष्टाचार के मामले में जब्त संपत्ति राज्य सरकार की मानी जाएगी।
कैसे बढ़ा था विवाद?
1991-1996 के दौरान मुख्यमंत्री रहते हुए जयललिता पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था। जांच में यह पाया गया कि उन्होंने अपनी वैध आय से 67 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति जुटाई थी, जिसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अवैध माना गया।
कोर्ट का फैसला और जेल की सजा
- 2014: बेंगलुरु की विशेष अदालत ने जयललिता को दोषी ठहराया, चार साल की जेल और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
- 2015: कर्नाटक हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया, जिससे वह दोबारा मुख्यमंत्री बनीं।
- 2017: सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला पलट दिया और दोषी ठहराने का आदेश बरकरार रखा, लेकिन 2016 में जयललिता के निधन के कारण मामला खत्म कर दिया गया।