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बर्ड फ्लू संक्रमण के चलते कानन पेंडारी जू प्रशासन हुआ सतर्क

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बर्ड फ्लू संक्रमण के चलते कानन पेंडारी जू प्रशासन हुआ सतर्क

– सुरेश सिंह बैस

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है। रायगढ़ में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद नगर के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में भी सख्त कदम उठाए गए हैं। सीजेडए ने बाघ, तेंदुआ और शेर के आहार में दिए जाने वाले चिकन पर प्रतिबंध लगा दिया है। जू प्रशासन ने भी सुरक्षा उपाय तेज कर दिए हैं, ताकि संक्रमण फैलने से पहले ही रोका जा सके। कानन पेंडारी जू में कई प्रजातियों के पक्षी और वन्य जीव रहते हैं, जो बर्ड फ्लू जैसी संक्रामक बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। इसे देखते हुए जू प्रशासन ने पक्षियों की निगरानी बढ़ा दी है। उनके केज की नियमित सफाई और सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। जू अधीक्षक एसके लूथर ने बताया कि वन्य प्राणियों को दिए जाने वाले चिकन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसके अलावा जू में आने वाले पर्यटकों से भी सतर्क रहने की अपील की गई है। उन्हें हिदायत दी गई है कि वे किसी भी मृत पक्षी को न छूएं और किसी प्रकार का मांस न खरीदें। पशु चिकित्सा विभाग ने बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए आठ सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है। यह टीम जिलेभर के पोल्ट्री फार्मों और प्रवासी पक्षियों की कड़ी निगरानी करेगी। इसके अलावा पोल्ट्री उत्पादों के वितरण और पक्षियों के बाजारों पर भी नजर रखी जा रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी पोल्ट्री फार्म में एक साथ कई पक्षियों की मौत होती है, तो तत्काल सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि अभी तक नगर में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियात के तौर पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

हर बुधवार चिकन की सप्लाई होती थी, अब मटन दिया जाएगा

जू प्रशासन के अनुसार हर बुधवार को 225 किलो चिकन वन्य प्राणियों को भोजन के रूप में दिए जाते थे। इसके अलावा, उम्रदराज बाघ और तेंदुए को प्रतिदिन 26 किलो चिकन खिलाया जाता था। लेकिन अब बर्ड फ्लू के चलते चिकन की सप्लाई पूरी तरह रोक दी गई है और इसके स्थान पर मटन दिया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट, ग्रामीण इलाकों में जांच तेज

बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड में रखा गया है। जिले के सभी पोल्ट्री फार्मों की जांच की जा रही है। संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी पोल्ट्री फार्म में अचानक मुर्गियों की मौत होती है, तो तुरंत पशु चिकित्सा विभाग को सूचित करें। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी आशंका को दूर करने के लिए सीरो सर्वे और निगरानी अभियान चलाया जाएगा, जिससे संक्रमण पर नजर रखी जा सके।

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