सरगुजा

परसा ईस्ट एंड कांता बासन खदान ने कोयला खदान सुरक्षा पखवाड़ा 2024 के मेगा प्रोजेक्ट श्रेणी में रचा इतिहास

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परसा ईस्ट एंड कांता बासन खदान ने कोयला खदान सुरक्षा पखवाड़ा 2024 के मेगा प्रोजेक्ट श्रेणी में रचा इतिहास

मेगा प्रोजेक्ट श्रेणी में ओवरऑल प्रथम स्थान सहित कई पुरस्कार हासिल
डंप मैनेजमेंट और रिक्लेमेशन सहित डस्ट सप्रेशन में भी जीता प्रथम पुरस्कार

सरगुजा, 1 फरवरी 2024 – राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RRVUNL) की परसा ईस्ट एंड कांता बासन (पीईकेबी) ओपनकास्ट कोल माइंस ने “एनुअल कोल माइंस सेफ्टी फोर्टनाइट 2024” में शानदार प्रदर्शन करते हुए विभिन्न श्रेणियों में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते। बुधवार को जिले के विश्रामपुर में खान एवं सुरक्षा महानिदेशक द्वारा वितरण समारोह का कोयला खदान सुरक्षा पखवाड़ा 2024 के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें उपमहानिदेशक सुरक्षा श्री रामअवतार मीणा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। समारोह में पीईकेबी खदान के सुरक्षा प्रमुख श्री मनोज कुमार शाही, सुरक्षा प्रबंधक श्री सतीश कटारिया, सुरक्षा अधिकारी श्री गाली थारूँ ने उपमहानिदेशक सुरक्षा श्री राम अवतार मीणा के हाथों पुरस्कार ग्रहण किया। इस दौरान पीईकेबी खदान के क्लस्टर एचआर हेड श्री राम द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस समारोह में पीईकेबी खदान ने मेगा प्रोजेक्ट श्रेणी में ओवरऑल प्रथम स्थान प्राप्त किया, साथ ही इंजीनियरिंग (एक्सकेवेशन), पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों (डस्ट सप्रेशन, डंप मैनेजमेंट और रिक्लेमेशन) के लिए भी पहला स्थान हासिल किया। इसके अलावा, इंजीनियरिंग, सर्वेक्षण, समूह व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र तथा पीईकेबी खुली कोयला खदान की श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं बेस्ट माइनिंग आउटसोर्सिंग कॉन्ट्रैक्टर श्रेणी में दुर्गा इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।

तकनीकी नवाचार में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन
पुरस्कार वितरण समारोह में खुली खदान प्रोजेक्ट की श्रेणी, जिनमें गेवरा, दीपिका, गारपेल्मा 4 इत्यादि जैसी कुल 29 खदानें शामिल थी में पीईकेबी खदान ने आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल में भी अपनी श्रेष्ठता साबित की। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आधारित रिमोट से संचालित डिवॉटरिंग पंप ऑटोमेशन के लिए पीईकेबी खदान को नवाचार श्रेणी में दूसरा स्थान मिला, जिसके तहत ₹25,000 का नकद पुरस्कार भी दिया गया।

इस उपलब्धि पर खदान के सुरक्षा और क्लस्टर प्रमुख श्री मनोज कुमार शाही ने कहा कि, “यह हमारे समर्पण, कड़ी मेहनत और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है। यह उपलब्धि हमारी टीम के अनुशासन और नवीन तकनीकों को अपनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हम भविष्य में भी सुरक्षा और दक्षता में नए मानदंड स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इन पुरस्कारों के अलावा ऐसे कड़े ऑपरेशन के कारण पिछले चार बार से खदान को भारत के कोयला मंत्रालय द्वारा फाइव स्टार रेटिंग से भी नवाजा गया है। पीईकेबी खदान एक मॉडल खदान की तरह लगातार चार सालों से अग्रणी है। पीईकेबी खदान की इस सफलता ने कोयला खनन उद्योग में सुरक्षा, पर्यावरणीय संतुलन और तकनीकी नवाचार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

आरआरवीयूएनएल द्वारा क्षेत्र में ढांचागत विकास की श्रंखला में खदान के पास के 14 गावों की बड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में मरम्मत तथा बाला पेंटिंग, अतिरिक्त कक्षाओं एवं पक्के शौचालयों का निर्माण, गांव में सड़क निर्माण एवं यात्री प्रतीक्षालयों के मरम्मत तथा सौंदरीकरण इत्यादि के कार्य शामिल है। साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 14 लाख से ज्यादा पेड़ 450 हेक्टेयर से ज्यादा खनन की हुई जमीन में रोपित किया है।

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