CG NEWS: TIGER गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में मिला बाघ का शव,सोशल मीडिया में वायरल
घटना स्थल पहुची वन विभाग की टीम,पीएम रिपोर्ट के बाद होगा खुलासा
कोरिया वॉच ब्यूरो/कोरिया जिला मुख्यालय स्तिथ गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के सीमा स्तिथ रामगढ़ क्षेत्र अंतर्गत देवसील ग्राम पंचायत के मार्ग में खनकोपर नदी के तट में एक मृत बाघ का शव मिला है.जानकारी के अनुसार जिस जगह पर बाघ का शव मिला है वह इलाका गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के सीमा से लगा है। मामले को लेकर अभी शुरुआती जानकारी ही मिली है, स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इलाके में मौजूद बाघ की मौत कैसे हुई यह पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्प्ष्ट होगा वही विगत तीन वर्ष पूर्व एक बाघ की मौत इसी इलाके में ग्रामीणाें ने जहर देकर मार दिया था जिससे जहर खुरानी की संभावना भी जताई जा रही वही वन सीमा से नदारद रहने वाले जिम्मेदार अधिकारी इस घटना के बाद मोबाइल बंद कर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे वही पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ भी जानकारी उपलब्ध कराने की बात कह रहें । जबकि जून 2022 में कोरिया जिले के गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के रामगढ़ रेंज में सलगवांखुर्द में बाघ का शव मिला था। इस घटना के बाद, ज़िले से लेकर प्रदेश के अफ़सरों में हड़कंप मच गया था ।
मिली जानकारी अनुसार कोरिया जिले के अंतर्गत स्तिथ एक मात्र राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों के मुख्यालय से लगातार नदारत रहने व मध्यप्रदेश में स्तिथ किसी राष्ट्रीय उद्यान के बाघ की मौत कहि न कही वन विभाग के अधिकारियों के निवास में न रहने व गस्ती को लेकर कई सवाल छोड़ गया जिसका जवाब अब पदस्थ अधिकारी के पास भी नही की आखिर इस मौत का जिम्मेदार कौन हैं
बता दें कि देवसील ग्राम पंचायत के बड़गांव पुल के समीप एक बाघ का शव मिला हैं। बाघ की मौत जहर खुरानी से होने की आशंका जताई जा रही हैं , लेकिन वन विभाग को पीएम रिपोर्ट आने का इंतजार हैं । जिले के राष्ट्रीय उद्यान में दूसरे राज्य के बाघ के मौत के बाद अब जिले में बन रहे गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं कि जंगलों में अन्य राज्यो के घूम रहे बाघ कितने सुरक्षित है। वही वन अमले की डॉग स्क्वायड के पहुँचने से इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना हैं । वन विभाग के अधिकारी बाघ की मृत्यु को लेकर सही समय मे नही पहुंचे थे लेकिन ग्रामीणों ने मामले को सोशल मीडिया में पोस्ट कर खुलासा कर दिया । जिसके बाद दोपहर बाद तक अधिकारी के पहुँचने का सिलसिला जारी रहा ।
गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में कुछ जगह सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रभारी डिप्टी रेंजरों व रेंजरों पर हैं जो कि जुगाड़ में रेंजर की कुर्सी पर बैठ तो गए किन्तु अपने अपने मुख्यालय से ज्यादातर नदारत रहते है । किन्तु अब बाघ की मौत ने इन प्रभारी रेंजरों व रेंजरों की सुरक्षा को लेकर मॉनिटरिंग पर कई सवाल छोड़ गये कि आखिर क्या मजबूरी हैं कि इन जुगाड़ के डिप्टी रेंजरों व रेंजरों का तबादला नही होने के कारण एक ही जगह पर सालों से टीके हैं ।