जमात ए इस्लामी हिंद के बैनर तले सीरतूननबी शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ
कुसमी/अम्बिकापुर(फिरदौश आलम)सीरतूननबी कार्यक्रम में देश के अन्य राज्य से इस्लाम धर्म के बड़े-बड़े विद्वान धर्मगुरु ने शिरकत किया। अंबिकापुर महामाया चौक के समीप होटल एवोलोंन इन में कार्यक्रम में शिरकत किए राष्ट्रीय सेकेट्री गाजी मोहिउद्दीन दिल्ली , व जमात ए इस्लामी के छत्तीसगढ़ अध्यक्ष अहमद हसन,रायपुर ने शिरकत किया। कार्यक्रम का आगाज मौलाना इरफ़ान ने कुरान की तिलावत से किये , इस्लाम धर्म के चाहने वाले आवाम( लोगो) को संबोधित करते हुए कहा हमारा ईमान सबसे बड़ा दौलत है, अगर ईमान की हिफाजत नहीं हुई तो सब कुछ बेकार है .इंसान अपना वक्त बे वजह के जगहों में फालतू कामों में बर्बाद करते हैं जिससे घर परिवार हमेशा बेचैन रहता है।
*दिल्ली से आये गाजी मोहिउद्दीन ने कहा*
आपसी भाईचारे का सुलूक रखा जाय किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हो यह इस्लाम धर्म सिखाता है। राष्ट्रीय सेकेट्री गाजी मोहिउद्दीन ने कहा जिस शख्स ने अपना जिंदगी सही के रास्ते पर नहीं चला उसके लिए जन्नत आसान नहीं है। जो अपना जिंदगी मन -मना जीने का काम करेगा वह इस जिंदगी में दुखी रहेगा। मरने के बाद भी जिंदगी दुःखी रहेगा।
*जमात ए इस्लामी के छत्तीसगढ़ अध्यक्ष अहमद हशन ने कार्यक्रम कि उद्देश्य को बताया*
इस कार्यक्रम का मकसद था आदर्श स्वदता समाज एक इंसान पूरा कर सकता है ज़ब अच्छा आदर्श पेश कर सकता है समाज के अंदर तो आदर्श कि बुनियाद कि हो ऊपर वाला का शुक्र है इस आदर्शो को ब्यान किया गया ताकि समाज चाहे कोई भी हो जैसा भी आदर्श कि तरह चले और समाज बनाने कि कोशिश करें
मंच संचालन एडवोकेट समसाद रहमानी ने किया। सैकड़ो की संख्या में मौजूद लोगों ने इस्लाम धर्म के धर्म गुरु के साथ देश की तरक्की अमन, चैन पाने के लिए सभी ने एक साथ दुआ मांगी।
आयोजन समिति के द्वारा गाइड लाइन, सुरक्षा का पालन करने के लिए दर्जनों कार्यकर्ता मुस्तैद दिखे। बाहर से आने-जाने वाले मेहमानों के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था जमात ए इस्लामी हिंद कमेटी द्वारा किया गया था । जो टीम मुस्तैद दिखी ।मौके पर आयोजक समिति के सदस्य खास तौर पर एडवोकेट नौशाद सिद्दीकी और अब्दुल रशीद, व सुहैल कुरैशी सक्रिय रहें उपस्थित
कुसमी से एहसान सिद्दीकी, पत्रकार फ़िरदौश आलम, सहजामा, मीमसाद सिद्दीक, सहबाज सिद्दीकी, अतीक रजा, फैज सिद्दीकी, दानिश सिद्दीकी,इरशाद आलम व अन्य लोग मौजूद रहें।