रविशंकर गुप्ता/ अंबिकापुर: मॉडल वृक्षमित्र ओ.पी.अग्रवाल प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माध्यम से जलवायु परिवर्तन रोकने हेतु एक प्रयास ऑनलाइन वेबीनार ब्रह्माकुमारीज के नव विश्व भवन चोपड़ापारा अम्बिकापुर द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें एग्जीक्यूटिव कृषि एवं ग्राम विकास प्रभा राजेश देव जी, वृक्षमित्र ओ. पी. अग्रववाल, पूर्व कुलपति रोहिणी प्रसाद, पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक शाहबाज अहमद, पूर्व अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक आर. जी. सोनी, राजमोहिनी कृषि महाविद्यालय डीन वी.के. सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र रवीन्द्र तिग्गा, पूर्व मुख्य वन संरक्षक के, के, बिसेन, प्रोफेसर इन्दिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय, डॉ. एस. एस. शाह फिल्म निर्माता एवं अभिनेता आनन्द कुमार गुप्त,भारत कृषक समाज महामंत्री सरगुजा संभाग कार्तिकेय जायसवाल, भारत कृषक समाज सरगुजा संभाग लक्ष्मी गुप्ता महामंत्री, बी.एस. कटलरिया एवं सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ऑनलाइन वेबीनार में भाग लिये। वर्तमान समय मे विश्वभर की सबसे बड़ी समस्या जलवायु परिवर्तन हैं जो आतंकवाद से भी ज्यादा गम्भीर हैं इस समस्या से भारत के 80 प्रतिषत छोटे किसानों को बचाने के लिये, उनकी आजीविका ठीक बनी रहे उसके लिये हमें जलवायु परिवर्तन को रोकने की ठीक तरह से सामना करने की परीक्षण को एवं जागरूकता को लेकर पूरे देश को तैयार होना पड़ेगा। उक्त विचार जलवायु परिवर्तन रोकने हेतु एक प्रयास विषय पर नव विश्व भवन चोपड़ापारा में ऑनलाइन वेबीनार में एग्जीक्यूटिव कृषि एवं ग्राम विकास प्रभा राजेश देव जी, ने कहा और उन्होंने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन को रोकने लिये ब्रह्माकुमारी द्वारा सिखाये जा रहे यौगिक खेती के विधियों को जानने से इस समस्या का निदान सम्भव है। पूर्व कुलपति रोहिणी प्रसाद जी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिये ओ. पी. अग्रवाल द्वारा बनाया गया यह एक ऐसा मॉडल हैं जो देश, समाज और लोगों के लिये कार्यरत सिद्ध होगा। ऐसे ही गाँव में भी यदि 1 एकड से भी कम जमीन हैं, तो झील और पेड़- पौधों आदि के माध्यम से खेती भी कर सकते हैं और पूरे सालभर के लिये खर्च भी निकाल सकते हैं तथा यह मॉडल आने वाली पीढ़ी के लिये भी एक पाठ बन सकता हैं। वृक्षमित्र ओ. पी. अग्रवाल जी ने कहा कि:- यह मॉडल 2 एकड़ से कम जमीन में इसका निर्माण किया गया हैं। जिसमें एक तालाब विभिन्न प्रकार के पेड़- पौधे, खेती, वनस्पति एवं मछलियों का भी उत्पादन किया जाता हैं। ऐसा मॉडल देश- विदेश मे होना चाहिये, जिससे देश का विकास बहुत ही तेजी से होगा। इस मॉडल में फॉर्म फॉरेस्टी के विद्यार्थियों के अध्यन के लिये भी उचित हैं क्योंकि उनके लिये यहाँ पर विभिन्न प्रकार के जीव- जन्तु एवं वनस्पति पाया जाता हैं। सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आतंकवाद से भी बड़ी समस्या है। और इसके लिये आज विभिन्न क्षेत्र में लोग प्रयास तो कर रहे हैं। परन्तु इसके प्रभावित होने का मुख्य दो कारण हैं। पहला लाइफ स्टाइल में परिवर्तन एवं ग्रीन हाउस का बढऩा इसके लिये तो हम विभिन्न प्रकार के विधियों को तो अपना ही रहे हैं जैसे पेड़- पौधों लगना परन्तु दूसरा कारण है विचारों में परिवर्तन इससे ही जलवायु सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा हैं। क्योंकि हमारे विचार वायब्रेषन के रूप में वातावरण में फैलता हैं जिससे प्रकृति बहुत ही तेजी से प्रभावित होती हैं। राजयोग मेडिटेशन के द्वारा प्रकृति को शुद्ध एवं सात्विक बना सकते हैं इसके लिये उन्होंने राजयोग का अभ्यास कराया। फिल्म निर्माता एवं अभिनेता आनन्द कुमार गुप्त ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को रोकने लिये सबसे ज्यादा जरूरत हैं लोगों में जागरूकता ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा या सिनेमा द्वारा इस अभियान को जन- जन तक पहुँचाया जा सकता हैं जिससे ही आने वाले समय में हम सब प्रकृति के नजदीक रह सकेंगे और यह मॉडल भी दुनिया के लिये बहुत अच्छा सिद्ध होगा। कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े अतिथियों ने भी जलवायु परिवर्तन को रोकने लिये अपने विचार व्यक्त किये। और सभी अतिथियों ने ऐसा सुन्दर मॉडल बनाने वाले वृक्षमित्र ओ. पी. अग्रवाल जी का बहुत सराहना किये। कार्यक्रम का संचालन भारत कृषक समाज सरगुजा संभाग लक्ष्मी गुप्ता महामंत्री जी ने किया।
जलवायु परिवर्तन रोकने ऑनलाइन वेबीनार आयोजित
