(बैकुंठपुर ब्यूरो) दिलीप पांडे | भाजपा नेता संजय अग्रवाल ने कहा है कि छग सरकार द्वारा जनवरी माह में स्वास्थ्य संबंधी बीमा योजना डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता शुरू की गई थी। जिसमें बताया गया कि प्रदेश में रहने वाले वे लोग जिनके पास अंत्योदय राशन कार्ड है उन्हें इस योजना के अंतर्गत 5 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य बीमा सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा जिन लोगों के पास एपीएल राशन कार्ड उपलब्ध है उन्हें 50 हजार रुपये की सहायता ओपीडी एवं अन्य स्वास्थ्य ट्रीटमेंट के लिए दी जाएगी। इसके लिए स्मार्ट कार्ड की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया था एवं राशन कार्ड और आधार कार्ड पर ही इलाज करने की बात कही गई थी। लेकिन अब यह योजना प्रदेशवासियों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले लोगों के पास जब स्मार्ट कार्ड रहता था तो उन्हें लगता था कि उनके जेब में 50 हजार रुपए हैं और अपनी किसी भी बीमारी का मरीज सरकारी व प्राइवेट हॉस्पिटल में संबंधित पैकेज में अपना उपचार करा लेता था। लेकिन अब डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में संबंधित बीमारियों का उपचार केवल सरकारी अस्पतालों में ही किया जा सकेगा। जबकि प्रदेश में सरकारी अस्पतालों का हर किसी से छिपा नहीं है। वहीं अब मोतियाबिंद जैसे सामान्य बीमारी के लिए भी हितग्राहियों की जेब से पैसे देने पड़ रहे हैं इस तरह की अनेक बीमारियों का उपचार छत्तीसगढ़ सरकार की नई डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में चल रही इन सभी 6 स्वास्थ्य योजनाओं प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत), मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना,संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री श्रवण योजना और नेशनल चाइल्ड हेल्थ प्रोग्राम चिरायु,मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना को भी डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ सहायता योजना में जोड़ दिया गया है। जिससे जरूरतमंदों को अब संजीवनी सहायता कोष का भी समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा है। भाजपा नेता संजय अग्रवाल ने आगे कहा कि उन्हें यह भी दावा किया जा रहा था कि इस योजना से गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को 20 लाख रुपए तक का इलाज कराया जा सकेगा। लेकिन मेडिकल सिस्टम को देखते हुए यह भी संभव नहीं दिख रहा है और इसमें भी मरीज और उसके परिजनों को राजनीतिक पहुंच और सिफारिश लगानी पड़ती है। संजय अग्रवाल ने बताया कि खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के तहत 115 बीमारियों के इलाज के पैकेज को सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित कर दिया। इनमें जनरल सर्जरी- हाईड्रोसिल, संक्रामित कुखरू, पैरों में सूजन, स्तन की गांठ, हर्निया। जनरल मेडिसीन- पेचिस, किडनी संबंधित, मलेरिया, गंभीर एचआईवी, न्यूरो मस्कुलर डिसऑर्डर। (
कॉडियोलॉजी- एएसडी डिवाइज क्लोजर, वीएसडी डिवाइज क्लोजर, पीडीए डिवाइज क्लोजर, पीडीए क्वाइल। ये सभी बीमारियां दिल के सुराग से संबंधित हैं। हार्ट, किडनी, स्त्रीरोग, जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसीन से जुड़ी बड़ी बीमारियां प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन 115 बीमारियों का सरकारी योजना के तहत सिर्फ और सिर्फ सरकारी अस्पतालों में होगा। अगर इनमें से किसी बीमारी से ग्रसित हैं और निजी अस्पताल में सरकारी योजना से इलाज करवाने की सोच रहे हैं तो अब ऐसे संभव नहीं हैं। आपको यहां खुद की जेब से ही इलाज की राशि का भुगतान करना होगा।
संजय अग्रवाल ने कहा की लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाने से लोग अपनी ज़मीन गिरवी रख रहे हैं और बेहद परेशान है केंद्र की लोकप्रिय आयुष्मान भारत योजना को बंद कर उसके जगह प्रदेश सरकार द्वारा चालू की गयी ख़ूबचंद बघेल योजना बिलकुल फेल है। सरकार को इस पर गम्भीरता से विचार कर तत्काल इसमें ऐसा सुधार करने की आवश्यकता है, जिससे योजना का लाभ आम जनता को मिल सके और प्रदेश में इलाज के अभाव में किसी को ज़मीन ना बेचना पड़े।