समैया पागे/ बीजापुर। जिले में कोरोना काल से लगातार मनरेगा के तहत कार्य मशीनरो के माध्यम से किया जा रहा है जबकि मनरेगा के अंतर्गत कार्य गाँव गरीब मज़दूरों को रोजगार देने व उनका जीवन यापन उद्देश्य से किया जाता है परंतु बीजापुर जिले में गरीब मज़दूरों को रोजगार से वंचित कर क्षेत्र के विधायक एवं जिला प्रशासन की मिलीभगत से मशीनरी से काम करवा कर एक बड़े भ्रस्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है जिससे गांव गरीब मज़दूरों का जीवन यापन करने में आथिर्क संकटापन्न उत्पन्न हो गया जिसके चलते मज़दूर अपने जीवन यापन के साधन जुटाने अन्य राज्य तेलंगाना व आंध्राप्रदेश पलायन करने मजबूर हो रहे है कल रात कुछ मज़दूर दुगोली से पलायन करने की जानकारी मिलने के बाद मैंने अपने कार्यकर्ताओं को बसस्टैंड बीजापुर में भेज कर उनसे जानकारी ली । शासन प्रशासन की भ्रष्ट नीतियों का शिकार गांव के गरीब मज़दूर हो रहे है जिले में लगातार मज़दूरों का शोषण किया जा रहा है ।जिले में हुए मनरेगा के अंतर्गत कार्यों की जांच कर संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ शक्त कार्यवाही किये जाने की भाजपा जिला इकाई बीजापुर द्वारा जिलाप्रशासन से मांग करती है और मज़दूरों के पलायन को रोका जाना चाहिए । गरीब मज़दूरों का शोषण कर स्वंयम के हित साधने में लगे क्षेत्रीय विधायक एवं जिला प्रशासन एक बडे पैमाना में कमीशन खोरी का खेल खेला जा रहा है।वास्तविक विकास से कोसो दूर बीजापुर जिला इस वक़्त दिखावे की विकास की बाट जोत रहा है। हाल ही में cm कार्यक्रम में बीजापुर में यह नजारा स्पष्ट दिखा ।रंग रोगन कर लाइटिंग झालर लगाकर बीजापुर का फर्जी सौंदर्यीकरण कर विकास के झूठे दृश्य cm साहब को दिखाने यंहा के प्रशासन और विधायक काफी व्यस्त नज़र आये । विगत दो वर्षों में विकास के लिए तरस रहा बीजापुर अचानक cm कार्यक्रम के महज़ 10 दिन पूर्व विधायक और प्रशासन जिस फ़र्ज़ी झूठा व दिखावे की विकास व सौन्दर्यकरण में व्यस्त दिखे इतना ही विकासवादी सोच के साथ वास्तविक चिंता जिले के विकास प्रति होता तो शायद बीजापुर जिला विकास के और नए सोपान तय करता । आज क्षेत्र की जनता विगत 15 वर्षों में 10 वर्ष का प्रतिनिधित्व किये माननीय महेश गागड़ा जी को याद करते विकासवादी सोच के साथ क्षेत्र का लगातार चिंता कर बीजापुर जिले का कायाकल्प करने वाला सच्चा जननायक के रूप में आज जनता याद कर रही है।
जिले में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर मज़दूर पलायन करने मजबूर : श्रीनिवास मुदलियार

