टेंडर के बाद वर्क ऑर्डर में लग रहे 6-7 महीने, लालफीताशाही से फाइलों में ऐसे गुम हो जाती हैं शासन की योजनाएं… कमीशन का खेल ?
रायपुर। शासन योजनाएं तो बहुत अच्छा बनाती है जो आमजन के भलाई के लिए होती है लेकिन कई योजनाएं ऐसी है, जो कहीं ना कहीं लाल फीताशाही के फाइल ने अपना दम तोड़ देती है। क्योंकि योजनाओं को अमल में लाने के लिए कई प्रक्रियाओ से होकर गुजरती है और उनमें से एक होती है निविदा। किसी भी कार्य को कराने के लिए निविदा निकाली जाती है और निविदा हो जाने के बाद ही उनका कार्यादेश यानी वर्क ऑर्डर जारी किया जाता है। लेकिन कार्यादेश जारी करने में यदि 6 माह का समय अधिकारी लगाए , तो शासन की योजनाओं का लाभ मिलने में जनता को भी 6 माह का इंतजार करना पड़ता है।
सीएसपीडीसीएल के मुख्य अभियंता (प्रोजैक्ट) ऑफिस रायपुर में ऐसे ना जाने कितनी निविदाएं है जिनका कार्यादेश जारी करने में 6 माह का वक्त लगा दिया जाता है वो भी बिना कोई कारण केवल कमीशन के चक्कर में। इसके कारण कार्य सही समय में शुरु नहीं हो पाता है। यदि व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया जाता है तो शासन की छवि आमजन के बीच में इन लाल फीताशाही के चक्कर में जरूर धूमिल हो सकती है, क्योंकि सरकार बदली है अधिकारी नही?