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कुदुदंड शासकीय स्कूल में चल रही प्रिंसिपल की मनमानी छात्र-छात्राएं बाहर बैठकर पढ़ने को मजबूर

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कुदुदंड शासकीय स्कूल में चल रही प्रिंसिपल की मनमानी
छात्र-छात्राएं बाहर बैठकर पढ़ने को मजबूर

– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। कुदुदंड स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चे आज भी बरामदे में पट्टी में बैठ कर पढ़ने को मजबूर है। हाल ही में प्राइमरी स्कूल की बिल्डिंग को तोड़कर स्मार्ट स्कूल फंड से नए भवन का निर्माण किया गया था। लेकिन स्कूल की प्रिंसिपल रीता तिवारी के द्वारा नव निर्मित सभी कमरों में ताला लगवा दिया जा रहा है, जिसके चलते छात्र बरामदे में बैठ कर पढ़ने को मजबूर है। वही मिडिल और प्राइमरी के शिक्षकों को लिए स्टाफ रूम भी नहीं अलॉट किया गया है। शिक्षकों के लिए बने कमरों में भी प्रिंसिपलके द्वारा ताला लगवा दिया जा रहा है। जिसके चलते बच्चो के साथ साथ शिक्षक भी बरामदे में ही कुर्सी टेबल लगा कर बैठने को मजबूर है।

मामले की पोल तब खुली जब वार्ड पार्षद श्रद्धा कमल जैन ने स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान ये पता चला कि प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चे बरामदे में बैठ कर पढाई कर रहे है। आज शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्रालय के द्वारा सभी स्कूलों को सर्वसुविधा से परिपूर्ण करने की बात की जा रही है। ऐसे इस तरह की घटना सामने आना शिक्षा विभाग पर बड़े प्रश्न खड़े करती है। आखिर क्यों इतने दिनों से छात्र बरामदे में बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं ।साथ ही स्कूल की प्रिंसिपल रीता तिवारी के द्वारा स्कूल में शौचालय में भी ताला लगवा दिया जा रहा है। प्रिंसिपल का कहना है कि शौचालय हाई स्कूल के बच्चो के लिए है, प्राइमरी मिडिल इस्तेमाल करें तो गन्दा कर दोगे इसलिए शौचालय में ताला लगवा दिया जा रहा है। जबकि विद्यालय परिसर के अंदर तीन से चार बाथरूम उपलब्ध है। इसके चलते स्कूल पहुंचे बच्चो के पास प्रसाधन की कोई व्यवस्था नहीं है। पार्षद श्रद्धा कमल जैन और वार्ड प्रभारी कमल जैन ने कल प्राचार्य को बात करने बुलाया तो उसने कल सभी एचएम के साथ मीटिंग की। आज शिकायत मिली कि स्कूल के कमरो का ताला चाभी से खोलकर पंखे ग़ायब हो गये है। स्कूल परिसर के अंदर छात्रों की स्थिति तो बुरी है साथ ही साथ शिक्षकों को भी कोई तवज्जो नहीं मिल रही है। बच्चो के कमरों में ताला लगवाने के साथ ही शिक्षकों के बैठने के लिए बनाए गए स्टाफ रूम में भी ताला लगवा दिया जा रहा है। और वो स्टाफ रूम सिर्फ़ कुछ हाई स्कूल के शिक्षकों के लिए खुलता है। जिसके चलते बाक़ी शिक्षक भी बरामदे में ही टेबल चेयर लगा कर ही बैठ रहे है। इसके अलावा सुचना मिली कि स्कूल प्रिंसिपल शिक्षकों के बीच भी पक्षपात करती है। हाई स्कूल के कुछ शिक्षकों के साथ उनका व्यवहार अलग है तो वही मिडिल और प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के साथ अलग होता है।और सबसे अचंभे की बात यह है कि जिन कमरों में स्कूल की प्राचार्य ताला लगा कर जा रही है उन कमरों के पंखे लगातार ग़ायब होते जा रहे है ।

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