बिलासपुर

स्वर कोकिला लता मंगेशकर की यादें सुर मधुर गीतों से श्रोता हुए मंत्र मुक्त सेवन स्टार म्यूजिकल ग्रुप का आयोजन

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स्वर कोकिला लता मंगेशकर की यादें सुर मधुर गीतों से श्रोता हुए मंत्र मुक्त सेवन स्टार म्यूजिकल ग्रुप का आयोजन

बिलासपुर।(यु मुरली राव)। भारतरत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर की यादें कार्यक्रम रविवार को पुराना बस स्टैंड में स्थित होटल एमेरल्ड में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए समाज सेवक एवं वरिष्ठ कवि अरुण कुमार यदु जी, 7 स्टार म्यूजिकल ग्रुप की ओर से भारत के प्रसिद्ध सभी गायकों को याद किया जाता है उनके जन्मदिन एवं पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। ग्रुप के डायरेक्टर राकेश रोशन शाह एवं उनकी टीम के द्वारा यादें कार्यक्रम आयोजित करते हैं उसी कड़ी में लता मंगेशकर की गीतों के साथ यादें कार्यक्रम किया गया बेहतरीन मंच संचालन व एंकरिंग शिव शंकर अग्रवाल जी शेरो शायरी एवं मुहावरों के द्वारा सभी को खुश कर दिए। छत्तीसगढ़ प्रदेश कि दूसरे जिलों से भी गायक कलाकारों ने आकर अपनी प्रस्तुति दी है उनके गाए गाने सुनकर उपस्थित सभी श्रोता झूमने लगे उनके साथ और मिलकर गाना भी गया सभी गायक कलाकार उपस्थित श्रोताओं को समा बांध के रखे।
डायरेक्टर राकेश रोशन शाह बताया कि लता जी की आवाज की दीवानी पूरी दुनिया है। उनकी आवाज को लेकर अमेरिका के वैज्ञानिकों ने भी कह दिया कि इतनी सुरीली आवाज न कभी थी और न कभी होगी। पिछले 6 दशकों से भारतीय सिनेमा को अपनी आवाज दे रहीं लता मंगेशकर बेहद ही शांत स्वभाव और प्रतिभा की धनी हैं आज पूरी संगीत की दुनिया उनके आगे नतमस्तक है।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर के मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर हुआ। इनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक भी थे इसलिए संगीत इन्हें विरासत में मिली। लता मंगेशकर का पहला नाम ‘हेमा’ था, मगर जन्म के 5 साल बाद माता-पिता ने इनका नाम ‘लता’ रख दिया था। लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी हैं। मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे हैं। इनके जन्म के कुछ दिनों बाद ही परिवार महाराष्ट्र चला गया।
1961 में लता ने लोकप्रिय भजन ‘अल्लाह तेरो नाम’ और ‘प्रभु तेरो नाम’ जैसे भजन गाए वहीं 1963 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में देश का सबसे जीवंत गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाया। इस गाने के बाद नेहरूजी की आंखों से आंसू आ गया था। कार्यक्रम में निम्न गायको ने अपनी मधुर आवाज की प्रस्तुति दी है श्री सहेत्तर कुमार पाटले जांजगीर, श्रीमती रितू सोडी कोरबा, श्री नरेश सारथी मुंगेली, श्री आशीष अधिकारी, श्री संजय सिंह, श्री प्रवीन सामन्तराय सराईपाली, श्री परदेशी बिहारी, श्रीमती रानो पासिरिया, कु.अंजली कुमारी, श्री कुलेशवर दिलावर भिलाई, श्रीमती विमला वर्मा, कु.राशि जयसवाल, श्रीमती कान्ति मौर्य राजनांदगांव, श्री सुनील कुमार साहू, श्री प्रेम चौहान, श्रीमती उषा यादव, श्री रंजीत सरकार, श्री संजय कौशिक, श्री आलोक भट्टाचार्य, श्री संदीप चटर्जी, श्री लकी नाय रायपुर, श्री संजय पाण्डेय, श्री मनहर सिंह, श्रीमती संध्या देवी जांजगीर, श्री श्यामल सरकार,
श्रीमती तरूणा मानवटकर, श्री देवेन्द्र जीवतोडे, श्रीमती जयन्ती मिन्ज, श्री आशुतोष अग्रवाल बलौदाबाजार, श्री रामकृष्ण आदित्य कोरबा, श्री शिवशंकर अग्रवाल, श्रीमती नीलम ध्रुव, श्रीमती वीणा मिश्रा रायपुर, श्रीमती बबीता मिश्रा रायपुर, श्री मुकेश साहू, श्री सत्यजीत घोष, श्री प्रफुल्ल चिपडे आदि एक से बढ़कर एक बेहतरीन गीतों की प्रस्तुति दी है।

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