अक्कू रिजवी/ कांकेर। कांकेर तक रेल सुविधा की मांग भारत की आज़ादी के दिन से चली आ रही है 15 अगस्त 1947 को जब आजादी के दिन कांकेर के स्वाधीनता सेनानी विष्णु प्रसाद शर्मा जी , संविधान सभा सदस्य रामप्रसाद पोटाई जी , कांकेर कांग्रेस संस्थापक गोविंद महाराज आदि ने अपने भाषणों में आशा व्यक्त की थी कि आज़ाद भारत की सरकार सबसे पहले कांकेर को धमतरी से रेल लाइन द्वारा जोड़कर इस आदिवासी क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी । तब से आज के दिन तक कांकेर वासियों की तीन पीढ़ियां मात्र प्रतीक्षा में बीत चुकी हैं, किंतु किसी भी दल की सरकार ने इस वाजिब मांग पर कभी ध्यान नहीं दिया। जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं, तब उन्होंने इस मांग पर सिद्धांत रूप में सहमति अवश्य दी थी किंतु उनके बाद वालों ने ध्यान नहीं दिया। सन् 2016 में यहां तक हुआ कि धमतरी को ब्रॉडगेज लाइन बनाने तथा उसको कांकेर से जोड़ने हेतु केंद्र सरकार के बजट में भी राशि स्वीकृत हो गई थी लेकिन काम के नाम पर शून्य रहा अर्थात मौजूदा सरकार भी कांकेर वासियों को ठगती ही आ रही है । कांकेर में रेल की मांग उठाने वाले दुनिया से ही उठते जा रहे हैं लेकिन अब पुनः दो प्रबुद्ध नागरिकों राधेश्याम मिश्रा तथा मोबीन खान ने वर्तमान रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर सन 2016 के बजट प्रस्ताव की याद दिलाई है और धमतरी तक ब्रॉड गेज लाइन को कांकेर और फिर आगे कोंडा गांव तक जोड़ने की मांग की है। दल्ली राव घाट नारायणपुर रेल मार्ग कोंडागांव से होकर जगदलपुर तक जाने वाला है अतः कांकेर जगदलपुर का संबंध दक्षिण भारत के समस्त प्रमुख नगरों के साथ हो जाएगा इसके लिए यह जरूरी है कि पहले धमतरी को कांकेर से रेल मार्ग द्वारा जोड़ दिया जाए ताकि इस उपेक्षित आदिवासी अंचल का चौतरफा विकास हो सके।
धमतरी से कांकेर रेल मार्ग शीघ्र जोड़ा जाए, प्रबुद्ध नागरिकों ने दिया स्मरण पत्र
