एनटीपीसी सीपत की राखड़ से लदी वाहन जा गिरी खाई में
ड्राइवर उमेंद्र के स्टेयरिंग से निकलते ही जय श्री राम के लगे नारे
सीपत (सतीश यादव):- एनटीपीसी सीपत की राखड़ से भरी ओवरलोडिंग वाहनों से सीपत क्षेत्र में दुर्घटनाएं चरम पर हैं और वहीं ओवरलोडिंग के बावजूद तारपोलिन का उपयोग नहीं करने से क्षेत्र के राहगीर दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं और डस्ट खाकर सांस से संबंधित बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं, जिसकी ओर एनटीपीसी प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है। शनिवार की सुबह एनटीपीसी सीपत से निकली राखड़ से भरी ओवरलोडिंग वाहन का ड्रायवर भी हादसे का शिकार हो गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। सीपत पुलिस एवं मौजुदा लोगों से मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के ग्राम मडई निवासी उमेंद्र लाल केंवट पिता लच्छी केंवट उम्र 23 वर्ष शनिवार की सुबह 4 बजे एनटीपीसी सीपत के डेम नम्बर 2 से ट्रेलर वाहन क्रमांक सीजी 12 बीएच 8850 में राखड़ भरकर उसे खाली करने चारपारा बलौदा रोड के लिए निकला था।
तभी ग्राम धनिया और लुथरा के बीच पुल के पास झपकी लगने से उमेंद्र की गाड़ी अनियंत्रित हो गई और मेन रोड से नीचे उतर पेड़ों से टकराती हुई गड्ढे में जा गिरी आसपास के लोगों ने इसकी जानकारी सीपत पुलिस को दी। सीपत पुलिस की टीम मौके पर पहुंच देखे तो उमेंद्र ट्रेलर वाहन के स्टेरिंग के बीच फंसा हुआ था और दर्द की वजह से रो रहा था। लगभग 4 घंटे की भारी मस्क्कत से और ग्रामीण तथा मोटर मैकेनिक के सहयोग से पुलिस की टीम ने घायल उमेंद्र को बाहर निकाला और एम्बुलेंस की सहायता से हॉस्पिटल भेजा जिसके बाद सीपत पुलिस की टीम मामले की जाँच में जुट गई हैं।
*4 घंटे की मशक्कत के बीच लगी 3 किमी जाम, राहगीर होते रहे परेशान:-*
हादसे के बाद सीपत से बलौदा मार्ग में लगभग 4 घंटे तक 3 किलोमीटर लंबा चक्काजाम लग गया, जिससे राहगीर परेशान होते नजर आये।
*उमेंद्र के स्टेयरिंग से निकलते ही जय श्री राम का हुआ जयघोष-*
झपकी की वजह से स्टेयरिंग में 4 घंटे तक फंसे उमेंद्र को बाहर निकलते देख आसपास के ग्रामीण जय श्री राम के जयघोष के साथ प्रफुल्लित होते नजर आये। ग्रामीणों तथा राहगीरों ने उमेंद्र के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की।
*एनटीपीसी का राखड़ वाहन क्षेत्र के लोगों के लिए बना खतरा-*
एनटीपीसी सीपत से राखड़ को ओवरलोडिंग भरकर निकलने वाली भारी वाहन क्षेत्र के लोंगो के लिए खतरा का विषय बना हुआ हैं। आये दिन क्षेत्र के लोग हादसे के शिकार हो रहे हैं और वहीं उड़ने वाली राखड़ से स्वास से संबंधित बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं और इन्हीं भारी वाहनों के चलने से सीपत से बिलासपुर मार्ग में करीब 5 वर्ष की कठिनाई के बाद बनी नई सड़क फिर से उखड़ने लगी हैं, इस ओर एनटीपीसी प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं हैं।