- किसान नेता ने कोरिया कलेक्टर से धान खरीदी केंद्रों में किसानों को हो रहे समस्याओं को त्वरित दूर करने की मांग की
भरत मिश्रा/ चिरमिरी/मनेन्द्रगढ़। धान खरीदी शुरू होने के साथ गड़ब़डियां सामने आने लगी है। एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के धान का एक-एक दाना समर्थन मूल्य पर खरीदने की बात कर रही है, वहीं कोरिया जिले के धान खरीदी केंद्रों में इस वर्ष अधिकान्श किसानों का बीते वर्ष की तुलना में रकबा घटा कर कम कर दिया गया है। इससे किसान आक्रोशित हैं एवं उनमें भारी रोष व्याप्त है । कोरिया जिले के किसान नेता एवं समाजसेवी लखनलाल श्रीवास्तव ने कोरिया कलेक्टर से किसानों की समस्यों को त्वरित दूर करने की मांग की है । गौरतलब है कि, धान खरीदी केन्द्रों में किसानों को रकबा के हिसाब से टोकन नहीं दिया जा रहा है । एवं जुट बोरी में धान लाने के लिए किसानों को विवश किया जा रहा है । वर्तमान में प्लास्टिक बोरी चलन में होने के कारण किसानों को जुट बोरी नहीं मिल पा रहा है जिससे वे परेशान हो रहे है । कोरिया जिले के धान खरीदी केंद्र जिसमे खड़गवा, कोड़ा, बंजारीडांड, जिल्दा, बंजी इत्यादि केन्द्रों में ज्यादातर किसानों के रकबा घटा दिया दिया गया है । समस्या यह है कि रकबा कम होने से किसान अपना पूरा धान नहीं बेच पाएंगे। वन अधिकार कानून के तहत जिन किसानों को वन अधिकार पट्टा दिया गया है, उन किसानों से भी धान नहीं ख़रीदा जा रहा है । धान के कीमतों का समय पर भुगतान नहीं होने के कारण उन किसानों जिन्होंने केसीसी के तहत लोन लिया हुआ है उन्हें उन्हें लोन का भुगतान करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । इस संबंध में किसान नेता एवं समाजसेवी श्री श्रीवास्तव ने वर्तमान कांग्रेस सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि अब स्पष्ट दिख गया कि सरकार की कथनी और करनी में कितना अंतर है। कहती कुछ और हैं और करती कुछ और। किसानों के एक-एक दाना धान खरीदी की बात किये हैं, लेकिन आज समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हो इस दृष्टि से पूर्व के पंजीकृत किसानों के रकबा में छेड़खानी कर पंजीयन का रकबा घटा दिया गया है, जबकि पिछले कई वर्षों से उन्ही पंजीकृत रकबा के अनुसार किसानों द्वारा धान बेचे जा रहे थे ।