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कोरोना काल में रोजगार का पर्याय बना रोजगार गांरटी

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  • जिले में लाॅकडाउन की अवधि में प्रतिदिन एक लाख श्रमिकों को मिला काम
किरीत ठक्कर/ गरियाबंद । देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के पश्चात एक तरफ लोग आजीविका के लिए चिंताग्रस्त थे वहीं दुसरी ओर राज्य में रोजगार गारंटी योजना रोजगार का पर्याय बनकर लोगों की आजीविका सुनिश्चित कर रही थी। जिले में 19 मार्च 2020 से 11 जून 2020 तक लॉकडाउन की अवधि में 23.62 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया अर्थात लॉकडाउन की अवधि में प्रति दिवस 01 लाख श्रमिकों को रोजगार प्रदाय किया गया। यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ठोस  कार्ययोजना और प्रशासनिक कुशलता का परिचायक था। आज जिले में 43.38 लाख मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1 लाख 10 हजार 979 परिवारों को रोजगार दिया गया, जिसमें 4917 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार प्रदाय किया गया। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना न केवल आजीविका को सुनिश्चित करती है बल्की समाजिक और अधोसंरचना विकास के चैमुखी आयाम के लिए भी कारगर साबित हो रहा है। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरूवा. बाड़ी कार्यक्रम अंतर्गत जिला मंे कुल 234 गौठान स्वीकृत किया गया है, जिसमे 105 गौठान निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। घुरूवा कार्यक्रम अंतर्गत 3058 कार्यों का निर्माण किया जा रहा है एवं बाड़ी विकास के तहत् 2120 किसानों को लाभान्वित किया गया। नरवा कार्यक्रम अंतर्गत 32 नालो मे 284 कार्य पूर्ण कर लिये गये है।
अधोसंरचना विकास अंतर्गत धान उपार्जन केन्द्रों में धान के रख-रखाव हेतु कुल 310 नग चबूतरा का निर्माण किया जा रहा है, जिसमे 254 नग पूर्ण कर लिये गये है। जिले मे नवगठित पंचायत हेतु 04 पंचायत भवन निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। पीडीएस के संचालन हेतु कुल 109 उचित मूल्य सह गोदाम निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिला गरियाबंद मे महिला बाल विकास विभाग के साथ अभिसरण अंतर्गत कुल 377 आंगनबाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। जिसमें 203 कार्य पूर्ण कर लिये गये है। 10 वनधन प्रबंधन प्रसंस्करण एवं 27 संग्रहण हेतु गोदाम निर्माण कार्य कराया जा रहा है। हॉट बाजार क्लिनिक हेतु प्राथमिकता के आधार पर चयन कर कुल 20 क्लिनिक बाजार शेड का निर्माण किया जा रहा है। वन अधिकार पत्रक धारी हितग्राहियों के भूमि मे प्राथमिकता के आधार पर भूमि सुधार कार्य, डबरी निर्माण, तालाब निर्माण, पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड का निर्माण किया जा रहा है।
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