अक्कू रिजवी/ कांकेर। छत्तीसगढ़ तथा विशेषकर बस्तर अंचल में शिवसेना एक लंबे समय के बाद सक्रिय हुई है और इस बार उसने जोरदार मुद्दा उठाया है, वह है नगरनार स्टील प्लांट को निजी करण से बचाकर बस्तरिया को उनका सही हक दिलाना। नगरनार इस्पात संयंत्र का जब आज से 30 वर्ष पहले शिलान्यास हुआ था तब बताया गया था कि यह पब्लिक सेक्टर में अर्थात सार्वजनिक क्षेत्र में रहेगा जिसमें आम जनता की भागीदारी रहेगी ना की किसी पूंजीपति की। और सरकारी संस्थान एनएमडीसी द्वारा इस इस्पात संयंत्र का प्रबंधन किया जाएगा लेकिन आज भाजपा के राज में सब कुछ उल्टा पुल्टा हो रहा है और नगरनार का कारखाना जब पूरी तरह बन कर उत्पादन करने को तैयार हो गया है तब न जाने क्यों अचानक सरकार ने इसका मालिकाना हक अडानी अंबानी जैसे पूंजी पतियों को सौंपने का चुपचाप निर्णय ले लिया है । इस तरह इस कारखाने में आम जनता की भागीदारी कहां रह जाएगी? और बस्तरिया को इसमें रोजगार भी कहां मिल पाएगा? क्योंकि पूंजीपति लोग अपने कर्मचारी तथा मजदूर अपने हिसाब से तथा अपनी पसंद से रखते हैं और आम जनता कुछ नहीं कर पाती। साफ जाहिर है कि बस्तरिया को नगरनार के निजी करण से कोई लाभ मिलने वाला नहीं है और अगर कुछ पुरुषों व स्त्रियों को नौकरी मिल भी गई तो वह चतुर्थ श्रेणी के झाड़ू पोछा वाले कर्मचारी जैसी होगी । स्टील प्लांट से होने वाला मुनाफा देश के कुछ काम नहीं आएगा बल्कि पूंजी पतियों की तिजोरी में बंद हो जाएगा। इन सभी तथ्यों के मद्देनजर छत्तीसगढ़ शिवसेना ने चारामा से नगरनार तक तीन दिवसीय मार्च करने का फैसला किया है और उसी के पहले दिन 14 दिसंबर को शिवसेना का काफिला चारामा से शुरू हो कर पैदल तथा वाहनों में भी दोपहर तक कांकेर पहुंच गया जहां जुलूस के भव्य स्वागत के बाद पुराने बस स्टैंड में एक सभा में शिवसेना सुप्रीमो धनंजय परिहार ने सभा को संबोधित किया और बताया कि छत्तीसगढ़ के लिए शिवसेना ने तथा यहां की जनता ने संघर्ष किया था लेकिन जब प्रदेश बन गया तो फायदा उठाने के लिए काग्रेस और भाजपा के नेता आ गए । हम लोगों को कुछ नहीं मिला लेकिन फिर भी हम छत्तीसगढ़ तथा बस्तर के हित में काम करते रहेंगे और इसीलिए हम नगरनार स्टील प्लांट के निजी करण के मुद्दे को उठाकर तीन दिवसीय मार्च करते हुए जगदलपुर तथा नगरनार तक जाएंगे और शासन के कानों में आवाज पहुंचाएंगे कि आप बस्तर के बस्तरियों का हक नहीं छीन सकते और निजी करण से बाज आएं तथा नगरनार को सार्वजनिक इस्पात कारखाना ही बने रहने दें अन्यथा सारे छत्तीसगढ़ में बहुत बड़ा आंदोलन केंद्र सरकार के विरुद्ध खड़ा हो जाएगा । शिवसेना जनता की आवाज को दूर-दूर तक पहुंचाएगी क्योंकि अन्य विपक्षी दल निजी करण का विरोध तो करते हैं लेकिन आंदोलन करने की न उनकी हिम्मत है न ताकत यह काम हम लोग करेंगे और बस्तरियो को उनका हक दिलाएंगे।
बस्तरिया को हक़ दिलाने शिवसेना का काफ़िला चला, नगरनार स्टील प्लांट की ओर
