रायपुर वॉच

15 साल के भाजपा का विकास आज का वर्तमान : पुरंदर मिश्रा

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समाज धर्म राजनीति एक दूसरे के पूरक

रायपुर । हमें इंसान पहचान करना आता है यह कहते कई लोगों को सुना गया और समझ गया लेकिन धर्म समाज और राजनीति में काम करने वाले कई ऐसे लोग हैं जो बिना चर्चा के इंसान की पहचान कर लेते हैं यही वजह है कि बिना बोले जुबान में नाम आ जाता है भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और उड़ीसा समाज के प्रदेश अध्यक्ष और उत्कल ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा का नाम वही नाम है जो रायपुर की हर गलियों में आसानी से लिया जाता है यह नाम उस समय चर्चा में अधिक आया जब जगन्नाथ मंदिर की स्थापना हुई उड़ीसा समाज के सचेतक की ख्याति के साथ अब राजनीति में यह नाम विशेष लोगों के बीच है आने वाले दिनों में सुर्खियों में होगा ऐसा प्रशंसक और उसे चिंतक मानते है आई छत्तीसगढ़ बाज की टीम के माध्यम से रायपुर के दुलारे सपूत की चर्चा करते हैं और जानने का प्रयास करते हैं उनके चिंतन में क्या खास है जो छत्तीसगढ़ को विकास की ओर लेकर जा सकता है लेकर जा सकता है।

छत्तीसगढ़ वॉच की विशेष बातचीत में भारतीय जनता पार्टी सांस्कृतिक एवं शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक वरिष्ठ भाजपा नेता छत्तीसगढ़ सर्व उड़ीसा समाज के प्रदेश अध्यक्ष उत्कल ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा से बातचीत की इस बातचीत में शुरुआत में ही लग गया यह शख्सियत कोई आसान शख्सियत नहीं है इसमें कई खासियत छपी है मधुर मुस्कान के साथ बातचीत के क्रम में पहले ही मिनट में इस शख्सियत जिसे पुरंदर मिश्रा कहते हैं ने बता दिया की राजनीति में शुरुआत किस तरह से हुई एक कठिन शपथ से राजनीति के महत्वपूर्ण पदों में पहुंचने वाले पुरंदर मिश्रा ने कहा बसना से 21 किलोमीटर की दूरी पर उनका गृह ग्राम दुर्गा पाली पड़ता है जहां उनकी सपना ने हकीकत ली में बताते हैं कि गांव तक पहुंचाने के लिए डेढ़ किलोमीटर तक पैदल घूम कर जाना पड़ता था यह कार्य काफी दुष्कर होता था चलने के लिए मार्ग नहीं था आने-जाने की समस्या होती थी शिक्षा के क्षेत्र में भी क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ था ऐसे में संपर्क श्याम चरण शुक्ला विद्या चरण शुक्ला अर्जुन सिंह तरुण चटर्जी एवं बृजमोहन अग्रवाल जैसी शख्सियत से हुआ यह राजनीति में थे इन लोगों के संपर्क में आने के बाद यह लगा कि मेरा गांव अच्छा हो सकता है आयकर सलाहकार के रूप में काम करते हुए समाज के लिए काम करने की भावना तो जागती थी पर हकीकत नहीं ले पा रही थी फिर लगा कि कुछ करना चाहिए ऐसे में वर्ष 1993 में उत्कल समाज की स्थापना के साथ ही शुरुआत की 1 अप्रैल 1994 को केंद्रीय मंत्री गिरधर ओ मैंगो केपी सिंह देव बृजमोहन अग्रवाल के साथ हजारों की भीड़ की उपस्थिति में समाज की स्थापना कर दी अब अब धीरे-धीरे सपनों को पर लगने लगे थे समाज में एकता आने लगी थी और 2003 में शंकर नगर क्षेत्र में जगन्नाथ मंदिर की स्थापना के लिए जमीन के मिलने के साथ ही वह दौर शुरू हो गया जो पुरंदर मिश्रा के सपनों को साकार कर सकता था जी तोड़ मेहनत शुरू हो गई और जल्द ही सत्यनारायण शर्मा विद्या चरण विधान मिश्रा अमितेश शुक्ल पांच कुलपति गिरधर को मांगों की उपस्थिति में जगन्नाथ मंदिर ने सरकार ले लिया आज स्थिति यह है कि मंदिर में 365 सदस्य हैं और हर सदस्य मंदिर समिति के रूप में एक दिन पूजा अर्चना का रिजर्व हिस्सा रखता है इस मंदिर समिति में विधानसभा अध्यक्ष राज्यपाल मुख्यमंत्री मुख्य न्यायाधीश विधायक सांसद महापौर पदेन सदस्य हैं और हर धार्मिक अवसरों पर उनकी उपस्थिति से मंदिर की कीर्ति बढ़ती जा रही है

राजनीतिक कीचड़ दूर करने किया प्रवेश

पुरंदर मिश्रा मानते हैं की राजनीति में स्वच्छंदता की आवश्यकता है कीचड़ को दूर किया जाना चाहिए इसीलिए प्रवेश किया है और कोशिश में लगे हुए हैं बहुत हद तक सफल हुए हैं क्योंकि भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद निरंतर बना हुआ है और यही आशीर्वाद बना रहे ऐसी महत्व के साथ राजनीति के सफर को निरंतर बढ़ा रहे हैं

समाज को गति देने पदयात्रा

श्री मिश्रा ने राजनीति और समाज को गति देने के लिए 25 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक पदयात्रा सप्ताह निकाल 1996 से प्रारंभ हुई यात्रा आज भी निरंतर जारी है 40 गांव की पदयात्रा होती है हर पद यात्रा में 90 से 100 किलोमीटर पदयात्रा करना अनिवार्य है यही कारण है कि उनके सामाजिक जीवन ने भी बसना सरायपाली क्षेत्र में पोस्ट ऑफिस स्कूल कॉलेज आदि तमाम संस्थाओं को स्थान दे दिया है अब यह पॉपुलर स्थान है।

बसना विधानसभा सीट से मांग

राजनीति में आने के बाद हर नेता की एक महत्वाकांक्षा होती है कि विधायक या संसद का स्वप्न पूरा कर सके भारतीय जनता पार्टी में सदस्य तथा प्राप्त करने के बाद से लगातार पुरंदर मिश्रा की महत्वाकांक्षा रही है जो इस बार 2023 के चुनाव में साकार हो सकती है पार्टी पर भरोसा है बसना से अवश्य टिकट मिलेगी शुभचिंतक और कार्यकर्ता भी यही चाहते हैं 35 साल के राजनीतिक कैरियर को ध्यान में रखते हुए पार्टी अवश्य स्थान देगी ऐसा माना जा सकता है

दो लोकसभा सीट से 303 सांसद

वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी के पास दो लोकसभा सीट थी आज 303 सांसद हैं भारतीय जनता पार्टी ने धर्म और राजनीति को एक समान महत्व दिया पार्टी विद धर्म को कर्म की तरह-तरह सम्मान देती है यही वजह है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारतीय जनता पार्टी के महत्वपूर्ण एजेंडा में था जो पूरा होने जा रहा है

बसना प्रमुख मांग

बसना मैं आज भी बिजली पानी सड़क की समस्या है वर्तमान की सरकार ने किसानों के साथ छल किया है किसान आंदोलित है ऋण माफ करने के नाम पर छलावा किया गया है अल्पकालीन रन को माफ किया गया दीर्घकालीन को माफ नहीं किया गया इससे किसानों में भारी गुस्सा है छोटे किसानों को फायदा देने के बाद सरकार अजीब तरह का सपना देख रही है यही वजह है कि जनता 2023 में सरकार को जवाब देगी

मेरा स्वप्न लोअर झोंक परियोजना

पुरंदर मिश्रा जी की उड़ीसा के खरियार रोड के ऊपर बनी शिवरीनारायण तक की जाने वाली लोअर झोंक परियोजना स्वप्न है या पूरा होता है जो जिसकी आधारशिला पूर्व केंद्रीय मंत्री जल संसाधन मंत्री विद्या चरण ने रखी थी तो कई किसानों को लाभ होगा एक लाख गांव संचित होंगे बसल पिथौरा सरायपाली बागबाहरा का हिस्सा संचित हो पाएगा बिजली का उत्पादन होगा और एक बड़ा प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ में आकर ले सकेगा

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