बलरामपुर।

नगर पालिका बलरामपुर विकास छोड़,विनाश की ओर अग्रसर,जिला प्रशासन को नहीं है सुध लेने की फुरसत विकास के नाम पर करोड़ों खर्च पर बलरामपुर जिला मुख्यालय के नगर पालिका की सड़को में नगर वासियों को चलना हुआ दुभर।

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नगर पालिका बलरामपुर विकास छोड़,विनाश की ओर अग्रसर,जिला प्रशासन को नहीं है सुध लेने की फुरसत

विकास के नाम पर करोड़ों खर्च पर बलरामपुर जिला मुख्यालय के नगर पालिका की सड़को में नगर वासियों को चलना हुआ दुभर।

बलरामपुर/ बलरामपुर जिला मुख्यालय के नगर पालिका परिषद के ह्रदय स्थल कहे जाने वाले, पुराना कलेक्टर चौक से मिशन रोड मुख्य मार्ग की हालत हल्की फुल्की बारिश में ही बद से बदतर हो चुका है, सड़को में बड़े बड़े गड्ढे है,जिनमे बरसात के पानी भर जाने की वजह से,नगर वासियों को पैदल चलना दुभर हो गया है,जिस गंभीर समस्या की ओर सुध लेने की तनिक भी फुर्सत नगर पालिका अधिकारी को नहीं है।
आपको बता दे की बलरामपुर नगर पालिका परिषद के प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी की लापरवाही के वजह से, नगर पालिका में करोड़ो खर्च होने के बाद भी मूल भूत सुविधा के नाम पर कुछ भी नजर नही आ रहा है, नगर पालिका बलरामपुर की मूल भूत समस्या नगरीय क्षेत्र के इर्द गिर्द के ग्राम पंचायतों से भी, बद से बत्तर है।
नगर विकास के नाम पर राज्य शासन के द्वारा अरबों रुपया बलरामपुर नगर पालिका को जारी किया गया है,मगर विकास के नाम पर कागजी खाना पूर्ति करते हुए, नगर पालिका में बैठे जवाबदार अधिकारी डकार जा रहे है।
आपको बताते चले कि नगर पालिका बलरामपुर में प्रति वर्ष मूल भूत सुविधा बहाल करने करोड़ो रुपया पार्षद मद तथा अध्यक्ष मद में जारी किया जाता है,परंतु भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी कर्मचारी कागजी खाना पूर्ति करते हुए प्रति वर्ष करोड़ो रुपए सिर्फ अध्यक्ष एव पार्षद मद की राशि डकार रहे है, वही मद वार निर्माण कार्य व विकास कार्य के लिए राज्य शासन ने निरंतर राशि जारी की है बावजूद इसके नगर पालिका बलरामपुर जिला बनने के बाद भी विकास से कोसो दूर है।
विडंबना तो यह है की राज्य शासन के गाइड लाइन के अनुसार 15 जून से वर्षा ऋतु प्रारंभ हो जाता है, और वर्षा ऋतु प्रारंभ से 15 जून से 15 सितंबर तक समस्त निर्माण कार्य पूर्णतः प्रतिबंध रहता है वर्षा ऋतु में, पर विडंबना तो यह है की भ्रटाचार की भेट चढ़ाया जा रहा नगर में निर्माण कार्य वर्षा ऋतु में भी जारी है जिस ओर नगर पालिका के उपयंत्री और नगर पालिका अधिकारी का ठेकेदार के साथ सांठ गांठ की बू आ रही है।
देखना यह हैं की क्या खबर प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन संज्ञान लेते हुए, नगर में निर्माण के नाम पर जारी भ्रष्टाचार पर कोई लगाम लगा पाते भी है या नहीं।

फोटो संलग्न

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