दिलीप सिंह/ कोण्डागांव : टाटामारी ईको पर्यटन केन्द्र में 28 एवं 29 नवंबर को चिड़िया मितान व वन्य कर्मचारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्थानीय युवाओं को क्षेत्र के विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए ईको पर्यटन रोजगार मूलक नए अवसर सृजित कर आर्थिक एवं सामाजिक पक्ष को मजबूर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। केशकाल ईको पर्यटन के रूप में छत्तीसगढ़ में अपनी अलग पहचान मिले यही प्राथमिकता है, जैसे विचार केशकाल वनमंडलाधिकारी श्री धम्मशील गणवीर (भा.व.से.) द्वारा व्यक्त किये गये। चिड़िया मितानों को पक्षीवेत्ता व प्रकृतिवादी श्री रवि नायडू व साॅफ्टी द्वारा प्रशिक्षित किया गया। उनके द्वारा इनतुरलिस्ट, ईबर्ड, रेस्फोरगेज जैसे पक्षी एवं वन्यजीव की पहचान तथा अध्ययन में सहायक ऑनलाईन स्त्रोत की जानकारी और इसके उपयोग के गुर सिखाए गये।
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में वनमंडल के ग्रामों के चिड़िया मितान के रूप में स्कूली बच्चे, वन विभागीय कर्मचारी व अधिकारी तथा विश्वविद्यालयों के फाॅरेस्ट्री एंड वाईल्ड लाईफ, मानवविज्ञान विषयों के इंटर्न्स शामिल रहे। सम्मिलित सभी सदस्यों में सहायक ऑनलाईन एप के इस्तेमाल को लेकर तथा उच्च अधिकारियों के सतत् नये प्रयासों व उपस्थिति से अच्छा खासा उत्साह देखा गया।
कार्यक्रम के दौरान वनमंडलाधिकारी ने कहा कि केशकाल की प्रचुर जैव विविधता एवं सुंदरता क्षेत्र के विकास के लिए आधारभूत संसाधन हो सकती है, जिसमें स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन में उपवनमंडलाधिकारी वरूण जैन (भा.व.से.), मोना माहेश्वरी एवं वनमंडल के परिक्षेत्र अधिकारी उपस्थित रहे।
चिड़िया मितान व वन्य कर्मचारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ सफल समापन
