पति के लंबी आयु के लिए किया गया वट वृक्ष की पूजा अर्चना ,108 बार किया गया परिक्रमा
वट सावित्री व्रत व शनि जयंती के अवसर पर सुहागिनो में रही आस्था और भक्ति।
सीपत :– (सतीश यादव ) मान्यता के अनुसार आज के दिन सुबह से सभी सुहागिन अपने सुहाग के रक्षा के लिए 108 बार परिक्रमा कर पूजा अर्चना किया गया सीपत क्षेत्र के ग्राम गुड़ी व आस पास के सभी सुहागिन यह व्रत अपने पति के लब्बे आयु के लिए रखती है वटवृक्ष में ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों देवताओं का वास होता है इस वजह से सुहागिनों ने इस वृक्ष की पूजा करती हैं वही पीपल में भगवान शनिदेव का वास होने से पीपल पेड़ का भी पूजन किया जाता है औऱ 108 बार परिक्रमा किया कर पति की आयु के लिए प्राथना किया गया जिसमे दीपदान किया गया पूजन सामग्री में बांस लाल कपडे लाल धागा धूपबत्ती फूल पांच फल जल से भरा हुआ पात्र सिंदूर लाल कपड़ा अर्पित कर पूजा अर्चना किया जाता है परंपरा के अनुसार भद्र देश के राजा अश्वपति की कोई संतान नहीं थी उन्होंने सावित्री देवी की कठिन तपस्या की इससे कुछ तेजस्विनी कन्याओं ने जन्म लिया राजा ने कन्या का नाम सावित्री ही रखा राजकुमारी सावित्री ने सत्यदेव राजा को पति के रूप में चाहा उनका राजपाट किसी ने छीन लिया नारद मुनि ने सावित्री से मिलकर सलाह दी परंतु साहित्य शक्तिमान शनिवार को हटाने की बात कही प्रस्तावित किया इसलिए जो स्त्री वट सावित्री की लंबे समय तक जीवन प्राप्त की मान्यता है कि जो स्त्री लंम्बे समय जीवन के लिए यह व्रत करती है आने वाली सभी संकट दूर हो जाती है। वट वृक्ष में होती है तीन देवताओ का वास