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ऐसा विश्वविद्यालय जहां राशन कार्ड से सभी वर्ग केे बच्चों को मिलेगा एडमिशन, लोगों के चंदे से तैयार होगी बिल्डिंग,नाम दिया ”जनजातिय यूनिवर्सिटी”

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तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : ब्लॉक मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर नेहरू नगर (बोरतलाव) की 20 एकड़ जमीन में प्रदेष का पहला ऐसा विष्वविद्यालय बनेगा जहां पर राषन कार्ड से बच्चों का एडमिषन होगा। इस नए यूनिवर्सिटी को जनजातिय (ट्राइब) विष्वविद्यालय का नाम दिया गया है। विवि तैयार करनें के लिए न तो सरकार से फंड मांगी गई है और न ही किसी संस्था ने मदद की है। यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग को तैयार करनें में जितनी राषि खर्च होगी इसे जनजाति वर्ग के लोग चंदा करके वहन करेंगे। रविवार को नेहरू नगर में विवि की आधारषीला रखी गई। बिल्डिंग तैयार करनें में तीन वर्श का लक्ष्य रखा गया है। भूमिपूजन में प्रदेष भर से लोग जुटे। अखिल भारतीय गोंडवाना समाज ओडि़षा के प्रदेषाध्यक्ष महेंद्र नायक के मुख्य आतिथ्य व गोंगपा के राश्ट्रीय अध्यक्ष तुलेष्वर मरकाम की अध्यक्षता विवि का भूमिपूजन किया गया। भूमिपूजन के बाद निर्णय लिया गया कि बिल्डिंग निर्माण व अन्य विशयों में जितनी राषि खर्च होगी। उसके लिए सामाजिक स्तर पर चंदा किया जाएगा। जनजातिय विवि में आदिवासियों के अलावा अन्य वर्ग के बच्चों को भी षिक्षा मिलेगी। एडमिषन के लिए जाति या वर्ग में भेदभाव न करके राषन कार्ड के आधार पर एडमिषन देकर सभी को समान षिक्षा दी जाएगी। ताकि गरीब तबके का होनहार बच्चा भी आर्थिक कारणों से षिक्षा से वंचित न रहे।
भाशा, बोली व संस्कृति के संवर्धन के लिए भी होगा काम- प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र नायक ने बताया कि विवि में भाशा, बोली व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए भी काम होगा। प्रदेष की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी बनेगी जहां पर अधिक से अधिक बच्चों को एडमिषन देकर षिक्षित व काबिल बनाया जाएगा। वर्तमान दौर में षिक्षा एक व्यापार बन गया है। स्कूल व कॉलेजों में टैलेंट नहीं बल्कि पैसों के दम पर एडमिषन दिया जाता है। इससें टैलेंटेड बच्चें उच्च षिक्षा से वंचित हो जातें है और उनके जीवन का लक्ष्य आर्थिक कारणों से अधूरा ही रह जाता है। इसलिए इस यूनिवर्सिटी में जाति, वर्ग नहीं बल्कि आर्थिक आधार पर प्रवेष देंगे।
केजी से पीजी तक की डिग्री ले सकेंगे स्टूडेंट्स- जनजातिय यूनिवर्सिटी में केजी से लेकर पीजी तक की डिग्री ले सकेंगे। यानी किसी भी राज्य के बच्चें एडमिषन लेकर पढ़ाई कर पाएंगे। बैठक में चर्चा करतें हुए यह लक्ष्य रखा गया कि तीन साल के भीतर यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग तैयार कर लेंगे। इसके पूर्व जरूरी संसाधन जुटानें के लिए सामाजिक स्तर पर जिम्मेदारी भी दी गई है। खासकर जनजाति वर्ग के लोगों स ेचंदा एकत्रित किया जाएगा। सरकार ने अब तक विवि के लिए किसी तरह का अनुदान तो नहीं दिया है और न ही सामाजिक लोगों ने मांग की है। समाज के लोग अपनें दम पर विवि की आधारषीला रखनें के लिए उतर चुके है। गांव-गांव में सामाजिक बैठक लेकर इसका प्रचार-प्रसार भी करनें की बात कही।
इतिहास को जाननें का मिलेगा अवसर- जनजातिय विवि में आदिकाल के इतिहास को भी जाननें का अवसर मिलेगा। स्टूडेंट्स यहां पर रिसर्च भी कर पाएंगे। बताया गया कि पहलें चरण में विवि की बिल्डिंग तैयार करनें के लिए 20 एकड़ जमीन चिन्हांकित किया गया है। इसके बाद आवष्यकताओं के अनुरूप जमीन मांगकर इसका विस्तार किया जाएगा। गोंगपा के राश्ट्रीय अध्यक्ष तुलेष्वर मरकाम ने बताया कि षिक्षा के बिना किसी भी समाज के विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती। आज हम षिक्षा के दम पर पूरी दुनिया से लड़ सकतें है। परंतु विडंबना है कि षिक्षा व्यापार बननें से आज भी हमारें बच्चें प्रतिभा के बावजूद वंचित हो जातें है।
इनकी मौजूदगी में रखी गई विवि के लिए नींव- भूमिपूजन कार्यक्रम में सर्व आदिवासी व गोंड़ समाज के जिलाध्यक्ष संतोश नेताम, चंद्रवंषी कंवर समाज के अध्यक्ष षंभूराम कंवर, गोंगपा के जिलाध्यक्ष जितेंद्र साहू, जिला पंचायत सदस्य रामक्षत्री चंद्रवंषी, विधायक प्रतिनिधि घासी नेताम, जनपद सदस्य संगीता नेताम, बोरतलाव सरपंच सरिता ओमप्रकाष मंडावी, सरपंच प्रतिनिधि हिरामन नेताम, बलराम धु्रर्वे, संतोश नेताम, जसवंत गावड़े, अनिल छेदैया, अषोक ठाकुर की मौजूदगी रही।

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